दिसंबर तक चीनी निर्यात की अनुमति

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 2:40 AM IST

बिना पूर्वानुमति के चीनी मिलें साल के अंत तक चीनी का निर्यात कर सकेंगी।


चीनी मिलों के सरप्लस स्टॉक को विदेशी बाजार में बेचने में सहायता देने के लिए सरकार ने जुलाई में 2007-08 के सीजन तक निर्यात की अनुमति दी थी।

यह अवधि सितंबर में समाप्त हो गई थी। इसके बाद इसे एक और महीने यानी अक्टूबर तक लिए बढ़ाया गया था। लेकिन अब ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत इसे साल के आखिर तक बढ़ा दिया गया है। अगर इससे पहले कोई और सरकारी आदेश जारी होता है तो फिर बिना पुर्वानुमति के निर्यात की अवधि अपने आप समाप्त हो जाएगी।

रिलीज ऑर्डर सिस्टम केतहत चीनी मिलों और व्यापारियों को चीनी निर्यात के लिए खाद्य मंत्रालय से पुर्वानुमति की जरूरत होती थी। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने निर्यात करने की अवधि में दो महीने की बढ़ोतरी इसलिए की है क्योंकि देश के पास 110 लाख टन का स्टॉक है और इस वजह से निर्यात पर नियंत्रण करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

उद्योग के अनुमान के मुताबिक, वर्तमान सीजन में चीनी के निर्यात में गिरावट की संभावना है और यह 10-15 लाख टन पर स्थिर रह सकता है क्योंकि सरकार ने इस बाबत दी जाने वाली आर्थिक सहायता वापस ले ली है। अनुमान के मुताबिक, पिछले सीजन में 45-50 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था।

वर्तमान सीजन में चीनी उत्पादन में गिरावट की आशंका से भी इसका निर्यात प्रभावित होगा। अनुमान है कि चालू सीजन (2008-09) में कुल 220 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा जबकि पिछले सीजन में यह 265 लाख टन था। भारत में सालाना करीब 200 लाख टन चीनी की खपत होती है।

First Published : November 5, 2008 | 10:15 PM IST