केंद्र सरकार ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा कर दी है। इस सीजन की सबसे बड़ी फसल गेहूं है और इसका एमएसपी सबसे ज्यादा बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार ने रबी सीजन की फसलों के एमएसपी में 2.41 फीसदी से लेकर 6.59 फीसदी वृद्धि की है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज विपणन वर्ष 2025-26 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी को आज मंजूरी दी है। इस सीजन की सबसे बड़ी फसल गेहूं का एमएसपी 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो विपणन वर्ष 2024-25 के एमएसपी 2,275 रुपये से 150 रुपये अधिक है। इस तरह इसके एमएसपी में 6.59 फीसदी की सबसे अधिक वृद्धि की गई है।
केंद्र सरकार ने रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों के एमएसपी में 300 रुपये क्विंटल का इजाफा किया है। विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सरसों का एमएसपी 5,950 रुपये क्विंटल तय किया है, जो पिछले विपणन वर्ष 5,650 रुपये से 5.30 फीसदी ज्यादा है। चना का एमएसपी 3.86 फीसदी यानी 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
मसूर का एमएसपी 275 रुपये यानी 4.28 रुपये बढ़ाकर 6,700 रुपये, जौ का 130 रुपये यानी 6.56 फीसदी बढ़ाकर 1,980 रुपये और कुसुम का एमएसपी 140 रुपये यानी 2.41 फीसदी बढ़ाकर 5,940 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि विपणन सीजन 2025-26 के लिए रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है। जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत (All-India weighted average cost of production) के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई है।
अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है। इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत है। मसूर के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत। रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।