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सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ, पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट

जो हाल इस बार सोयाबीन और मूंगफली किसानों का हुआ है उसका आगे इन फसलों की खेती पर बुरा असर होने की संभावना है

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भाषा   
Last Updated- April 21, 2024 | 11:56 AM IST

विदेशों में कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन और सोयाबीन डीगम तेल कीमतों में आई गिरावट के बीच बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों एवं सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम नरमी दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर पेराई के बाद दाम बेपड़ता बैठने के कारण नुकसान होने की वजह से अधिकांश पेराई मिलो के बंद होने के बीच बीते सप्ताह मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के दाम में मजबूती दर्ज हुई।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशों में सोयाबीन डीगम तेल के थोक दाम पहले के 995-1,000 डॉलर प्रति टन से घटकर 965-970 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह सीपीओ का दाम भी 1,040-1,050 डॉलर से घटकर 990-995 डॉलर तथा पामोलीन का दाम 1,020-1,025 डॉलर से घटकर 960-965 डॉलर प्रति टन रह गया। इस गिरावट की वजह से सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ एवं पामोलीन जैसे आयातित तेलों के दाम में गिरावट देखी गई।

इसका असर सरसों पर भी हुआ जिसके तेल तिलहन के दाम समीक्षाधीन सप्ताह में हानि के साथ बंद हुए। विदेशों में इस गिरावट के बावजूद देश में सोयाबीन तेल तिलहन के दाम उतना नहीं टूटे जितने की उम्मीद की जा रही थी। सूत्रों ने कहा कि सरसों किसान अभी सिर्फ सरकारी खरीद पर ही निर्भर हैं। वैसे देखा जाये तो सरसों का बाजार की स्थिति फिलहाल अनुकूल नहीं है। लेकिन इतना तय है कि सरकार पूरे के पूरे सरसों की ऊपज की खरीद नहीं कर पायेगी।

अधिक से अधिक सरकारी खरीद 28-32 लाख टन की ही हो पायेगी बाकी सरसों की विशाल मात्रा कहां खपेगी इसे देखना अभी बाकी है। सरकारी खरीद के हिसाब से सरसों तेल का भाव 125-130 रुपये किलो बैठता है और बाजार में इसका थोक भाव लगभग 100 रुपये किलो बैठता है। यह भी देखा जाना चाहिये कि खुदरा में यही सरसों तेल उपभोक्ताओं को कितने ऊंचे दाम पर खरीदना पड़ रहा है और खुदरा में दाम महंगा क्यों बैठ रहा है? यह बिडंबना है कि खाद्यतेलों की लगभग 55 प्रतिशत कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर इस देश में सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला की लगभग 65 प्रतिशत पेराई मिलें बंद हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तिलहन उत्पादन बढ़ाने का क्या फायदा जहां आयातित तेलों के थोक दाम सस्ता होने के बीच देशी तेल तिलहन का खपना मुश्किल हो जाये।

क्या यह स्थिति देशी तेल तिलहन का बाजार विकसित करने, इसके हिसाब से आयात नीति बनाने और शुल्क निर्धारित किये जाने की जरुरत को रेखांकित नहीं करता? सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह से पहले सरसों की आवक 7.25-9.25 लाख बोरी की हो रही थी जो बीते सप्ताह घटकर 4.50-6.50 लाख बोरी रह गई। सूत्रों ने कहा कि बेपड़ता और घाटे के कारोबार के बीच देशी तिलहनों की लगभग 65 प्रतिशत पेराई मिलें बंद हो चुकी हैं।

इस वजह से मूंगफली तेल तिलहन में सुधार आया। बिनौले के नकली खल का कारोबार फलने फूलने के बीच असली बिनौला खली की बिक्री प्रभावित हुई है जिस घाटे की कमी बिनौला तेल के दाम को बढ़ाकर भी पूरा नहीं किया जा सकता। इस वजह से बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। उन्होंने कहा कि जो हाल इस बार सोयाबीन और मूंगफली किसानों का हुआ है उसका आगे इन फसलों की खेती पर बुरा असर होने की संभावना है क्योंकि किसान फायदे के लिए मोटे अनाज वाले फसलों का रुख कर सकते हैं।

बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 105 रुपये की गिरावट के साथ 5,235-5,275 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 75 रुपये घटकर 10,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 15-15 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 1,705-1,805 रुपये और 1,705-1,820 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 110-110 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,800-4,820 रुपये प्रति क्विंटल और 4,600-4,640 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 250 रुपये, 250 रुपये और 150 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 10,150 रुपये और 9,800 रुपये और 8,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल तिलहन में सुधार आया।

मूंगफली तिलहन का दाम 65 रुपये की तेजी के साथ 6,170-6,445 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव भी क्रमश: 75 रुपये और 15 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 14,825 रुपये क्विंटल और 2,255-2,520 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चा पाम तेल (सीपीओ) 500 रुपये की गिरावट के साथ 8,925 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 375 रुपये की गिरावट के साथ 10,250 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 375 रुपये की गिरावट के साथ 9,275 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। गिरावट के आम रुख के उलट बिनौला तेल 50 रुपये मजबूत होकर 9,775 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

 

First Published : April 21, 2024 | 11:56 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)