सरसों (Mustard) की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। इसकी वजह आवक कमजोर पड़ना है। साथ ही इसकी मांग बढ़ने से भी कीमतों में तेजी को सहारा मिला है। इस तेजी से पहले सरसों के भाव में सुस्ती देखी जा रही थी क्योंकि इस साल सरसों की बंपर पैदावार हुई है।
महीने भर में करीब 500 रुपये क्विंटल बढ़े सरसों के दाम
बीते एक महीने से सरसों के भाव सुधर रहे हैं। महीने भर में सरसों के भाव 500 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। सरसों की बेंचमार्क मंडी जयपुर में सरसों 5,950 रुपये बिक रही है। महीने भर पहले भाव 5,400 से 5,500 रुपये क्विंटल था। सरसों के भाव बढ़ने की वजह इसकी आवक कमजोर पड़ना है।
कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने बताया कि जून महीने के दौरान मंडियों में करीब 2.35 लाख टन सरसों की आवक हुई थी, जो जुलाई महीने में घटकर 2.05 लाख टन रह गई। आवक 12 फीसदी से ज्यादा घटने के कारण सरसों की कीमतों में तेजी आई है। आवक के साथ ही सरसों की मांग बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि बारिश और आगे त्योहारों के दौरान सरसों तेल की खपत बढ़ने की उम्मीद में तेल मिल वालों की ओर से सरसों की मांग बढ़ी है। जानकारों के मुताबिक त्योहारी मांग को देखते हुए आगे भी सरसों की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
इस साल देश में सरसों की बंपर पैदावार
किसानों को बीते दो साल सरसों की ऊंची कीमत मिली। जिससे उन्होंने सरसों की खेती खूब की। इस कारण इस साल सरसों की बंपर पैदावार हुई । सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल देश में रिकॉर्ड 128.18 लाख टन सरसों पैदा होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 119.63 लाख टन उत्पादन से 7.14 फीसदी ज्यादा है।
इस साल लक्ष्य से भी ज्यादा सरसों पैदा हुई। सरकार ने इस साल 121 लाख टन सरसों उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जबकि उत्पादन लक्ष्य से 5.93 फीसदी अधिक हुआ।