कपड़ा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 31 उत्पादों के लिए दो गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए गए हैं। इन उत्पादों में 31 जियो टेक्सटाइल और 12 प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल हैं। इस आदेश का ध्येय वैश्विक मानकों के अनुरूप इन उत्पादों के मानक व गुणवत्ता को बेहतर करना है।
टेक्निकल टेक्सटाइल का उपयोग सौंदर्य की जगह कार्यात्मक गुणों के लिए किया जाता है। प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल में पर्दे व झालर, गैर घरेलू फर्नीचर में इस्तेमाल होने वाली कुर्सी व सोफे आदि के कवर, अग्निशामकों के लिए सुरक्षात्मक कपड़े, अग्निशामकों के लिए दस्ताने, उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों को गर्मी से बचाने वाले कपड़े, बुलेट रसिस्टेंट जैकेट सहित अन्य उत्पाद हैं। जियो टेक्सटाइल में लैमिनेटिड हाई डेनसिटी पॉलिथीन (HPDE), पीवीसी जियोमेम्ब्रेंस, नीडल पंच्ड नॉन वुवन जियो बैग्स आदि हैं।
मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘केंद्र का मानना है कि जियो टेक्सटाइल और प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल के मानकों और गुणवत्ता को बेहतर करना सार्वजनिक हित में जरूरी है। ऐसा करने से पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य, जानवरों व पेड़-पौधों के जीवन व स्वास्थ्य का संरक्षण होगा। जियो टेक्सटाइल का उपयोग आधारभूत संरचना की परियोजनाओं और वातावरण ऐप्लीकेशन के लिए होता है। हालांकि प्रोटेक्टिव टेक्साटाइल का उपयोग मानव जीवन को जोखिम व विषम कार्य वाली स्थितियों से बचाने के लिए होता है।’
सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख के 180 दिन बाद गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किए जाएंगे। ये गुणवत्ता नियंत्रण आदेश घरेलू उत्पादों के साथ भारत में अपने उत्पादों का निर्यात करने वाले विदेशी निर्माताओं पर लागू होंगे। ये मानदंड विश्व व्यापार संगठन के मानकों के अनुकूल हैं। कपड़ा मंत्रालय दो अन्य चरणों में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करेगा। इस सिलसिले में योजना यह है कि दो अन्य गुणवत्ता नियंत्रण आदेश 28 उत्पादों – एग्रो टेक्साटाइल के 22 उत्पादों और मेडिकल टेक्सटाइल के छह उत्पादों के लिए जारी किए जाएंगे। तीसरे चरण में 30 से अधिक टेक्निकल टेक्सटाइल उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए जाएंगे।