facebookmetapixel
Goa Nightclub Fire: डिपोर्ट के बाद दिल्ली लाए गए लूथरा ब्रदर्स, अदालत में होगी पेशीडिविडेंड कमाई के लिए बेस्ट लार्ज कैप स्टॉक: ब्रोकरेज ने जारी की टॉप 15 की लिस्टकमाई बढ़ने से दौड़ेगा अदाणी का Power Stock! ब्रोकरेज ने कहा- BUY, दे सकता है 30% रिटर्नबीमा क्षेत्र में 100% FDI के प्रावधान वाला विधेयक लोकसभा में पेश, क्या हैं खास प्रावधानडिविडेंड से कमाई: 7% तक यील्ड देने वाले 15 PSU शेयर, लिस्ट में कोल इंडिया, ONGC₹136 का यह Bank Stock बना ब्रोकरेज की पसंद, कहा- खरीद लो, 74% तक मिल सकता है रिटर्नKSH International IPO Open: ₹710 करोड़ के इश्यू में पैसा लगाना सही? जानें ब्रोकरेज की सलाहदिसंबर में भारत का फ्लैश PMI घटकर 58.9 पर, फरवरी के बाद सबसे धीमी ग्रोथरुपया पहली बार 91 के पार, महज 5 सेशन में 1% टूटा; डॉलर के मुकाबले लगातार क्यों टूट रही भारतीय करेंसीइंडसइंड बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदेगा HDFC Bank, रिजर्व बैंक से मिली मंजूरी

तेजी की चाल के बाद दाल हुई निढाल

Last Updated- December 11, 2022 | 8:05 AM IST

देश के घरेलू दाल बाजार में जनवरी महीने के दौरान  तेजी देखने को मिली थी और अब लगभग एक महीने से उसमें स्थिरता का रुख बरकरार है। 
इस उद्योग के बड़े खिलाड़ियों का कहना है कि बाजार में स्थिरता बरकरार रहेगी क्योंकि मांग में कमी आ गई है। इसके अलावा यह भी एक वास्तविकता है कि कीमतें पहले से कहीं ज्यादा ऊंची हैं।
मिसाल के तौर पर मध्यप्रदेश की बड़ी मंडियों में पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में दाल की कीमतों में उछाल आया है। चने में जहां 5 फीसदी तक का उछाल आया है वहीं तुअर में 30 फीसदी तक का उछाल आया है।
कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के लाटूर में भी हुआ। मध्य प्रदेश दाल उद्योग महासंघ के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है, ‘मांग थोड़ी कम है और दाल बाजार में चाहें वह मंदी या तेजी से संबंधित तेजी हो खत्म हो जाता है। वास्तविकता यह है कि चना को छोड़कर दाल की सभी फसलें कमजोर हैं।’
देशभर में चना की मौजूदा कीमत 2,100-2,300 रुपये प्रति क्विंटल है। उत्तर भारत में सबसे ज्यादा चना का उपभोग दिल्ली में होता है, वहां मार्च में इसकी कीमत 2,350 रुपये प्रति क्विंटल है। दिल्ली के एक कारोबारी दिलीप जिंदल का कहना है, ‘बाजार की जो गतिविधि है वह दायरे वाले कारोबार की है। जब मांग बढ़ती है तब यह 50 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ जाता है और जैसे ही मांग कम होती है इसकी कीमत में भी गिरावट आती है।’
सोमवार को दिल्ली में हाजिर भाव 2,250 रुपये प्रति क्विंटल रहा। तुअर दाल के भाव में भी तेजी आई है। दालों के भाव जनवरी के 2,700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 3,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। 
उड़द भी फिलहाल 2,850-3,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। जनवरी में उड़द के भाव 2,500 रुपये  थे वहीं मसूर हाजिर बाजार में जनवरी के 3,500 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 3,800 रुपये-3,900 रुपये प्रति क्विंटल पर उपलब्ध है। निश्चित तौर पर बारिश न होने की वजह से तुअर और उड़द को काफी बड़ा झटका लगा है। इसके अलावा बर्मा के तुअर की कीमत भी काफी ज्यादा है।
दाल आयातक संघ (भारत) के अध्यक्ष के सी भरतिया का कहना है, ‘घरेलू बाजार में दाल की मौजूदा कीमत बहुत ज्यादा नहीं है बल्कि वे बेहद वास्तविक स्तर पर हैं। अंतरराष्ट्रीय कीमतों के साथ तुलना करें तो निचले स्तर पर घरेलू बाजार में 5 फीसदी तक की बराबरी है।’
उनका कहना है कि आपूर्ति में कमी आने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि सरकारी एजेंसियों ने लगभग 12 लाख टन दाल का आयात किया है जबकि निजी आयातक  भी 20 लाख टन का आयात करेंगे।
दाल की सभी किस्मों का कारोबार वर्ष 2008-09 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अगले सीजन के लिए एमएसपी को आगे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि किसान किसी दूसरी फसल को उगाने के लिए प्रेरित न हों।
अग्रवाल का कहना है, ‘खासतौर पर चना के लिए एमएसपी को 2,200 रुपये प्रति क्विंटल से कम नहीं होना चाहिए।’ दूसरे दालों के मुकाबले चना का एमएसपी सबसे कम है और यह 1,700 रुपये प्रति क्विंटल है। इसमें पहले के एमएसपी के मुकाबले 8 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
जबकि तुअर, उड़द और मूंग के एमएसपी में क्रमश: 17, 48 और 48 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। भारत दुनिया में दाल उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा देश है जहां खरीफ और रबी सीजन में भी दाल का उत्पादन होता है। दुनिया भर के उत्पादन और उपभोग में देश का हिस्सा क्रमश: 24 और 27 फीसदी है।

First Published - May 5, 2009 | 10:25 PM IST

संबंधित पोस्ट