अगले साल 1 अप्रैल से नई नीति के तहत पूरे देश में सामान एवं सेवा कर (जीएसटी) की समान दर लगभग 16 फीसदी हो सकती है।
राज्यों और केंद्र के बीच हुए विचार-विमर्श से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह दर केंद्र और राज्य की 8-8 फीसदी की जीएसटी दर के बराबर हो सकती है। केंद्र और राज्य सरकारें दोहरे जीएसटी मॉडल को लेकर पहले ही सहमति जता चुकी हैं।
दवा जैसी कुछ श्रेणियों के लिए लोवर टैक्स ट्रीटमेंट की जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य स्तर दोनों पर जीएसटी दर के एक स्लैब या दो स्लैब के विकल्प खुले रखे गए हैं।
अधिकारियों ने कहा, ‘राज्यों और केंद्र की ओर से प्रमुख वार्ताकार एकल जीएसटी दर ढांचे, एक केंद्र स्तर पर और एक राज्य स्तर पर, को लेकर इच्छुक हैं।’
यदि जीएसटी के तहत दो स्लैब के पक्ष में फैसला किया जाता है तो एक लगभग 10-11 फीसदी हो सकता है और दूसरा लगभग 5 फीसदी से कम दर का हो सकता है।
राज्य के वित्त मंत्रियों की एक समिति जीएसटी दर और ढांचे को निर्णायक रूप दिए जाने से पूर्व इस पर चर्चा के लिए 12 फरवरी से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेगी। जीएसटी में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, राज्य बिक्री कर और केंद्रीय बिक्री कर शामिल होंगे।
अधिकार प्राप्त समिति के चेयरमैन असीम दासगुप्ता ने कहा, ‘नई दरें काफी कम हो जाएंगी और इस नीति का उद्देश्य व्यापार, उद्योग, कृषि और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाना है।’