आकर्षक शेयर बाजार से फीकी पड़ सकती है सोने की मांग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:13 AM IST

विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार, लॉकडाउन के बावजूद और पूर्ववर्ती वर्ष में न्यून आधार की मदद से भारत में सोने की मांग 19.2 प्रतिशत बढ़कर कैलेंडर वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में 76.1 टन पर पहुंच गई। हालांकि वैश्विक स्तर पर यह मांग पूर्ववर्ती वर्ष के 960.5 टन के मुकाबले मामूली घटकर 955.1 टन पर दर्ज की गई।
वैल्यू संदर्भ में, स्वर्ण मांग 2020 की समीक्षाधीन अवधि के मुकाबले 23 प्रतिशत बढ़कर 32,810 करोड़ रुपये पर रही। दूसरी तिमाही में भारत में कुल आभूषण मांग 25 प्रतिशत तक की वृद्घि के साथ 55.1 टन पर रही, जो एक साल पहले 44 टन थी।
हालांकि डब्ल्यूजीसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चेताया है कि आकर्षक इक्विटी बाजार और अस्थिर स्वर्ण कीमतों से 2021 की दूसरी छमाही में इस कीमती धातु में निवेश प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, उसका मानना है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ सकती है, जिसमें धनतेरस और कैलेंडर वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में विवाह सीजन भी शामिल है।
डब्ल्यूजीसी ने कहा है, ‘2021 की दूसरी तिमाही में सोने में उपभोक्ता निवेश बढ़ा, लेकिन कुछ निवेशक कम उत्साहजनक दिखे। 2021 की दूसरी छमाही के लिए परिदृश्य अभी अनिश्चित बना हुआ है, क्योंकि उपभोक्ताओं के भरोसा और व्यावसायिक प्रतिक्रिया में कोविड-19 की तीसरी लहर के गहराते खतरे से कमजोरी आई है।’
पिछले साल के दौरान, भारतीय इक्विटी सूचकांकों – बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 में करीब 38 प्रतिशत और 41 प्रतिशत की तेजी आई। मिड-कैप और स्मॉल-कैप में तेजी आने से इन दोनों सूचकांकों को मदद मिली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी ताजा बैठक में नरमी बरते जाने से विश्लेषकों को वैश्विक इक्विटी बाजारों में उत्साह बरकरार रहने की संभावना है।
इक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम ने कहा, ‘कम से कम दिसंबर 2021 के अंत तक, मुझे भारतीय शेयर बाजारों में किसी तरह के बड़े दबाव की आशंका नहीं दिख रही है। ताजा अमेरिकी फेडरल बैठक का परिणाम और पर्याप्त तरलता से बाजारों में मजबूत धारणा बनी रहेगी। इसके अलावा, आर्थिक सुधार और अच्छे मॉनसून से भी बाजारों को मदद मिलेगी। इस पृष्ठभूमि में, सुरक्षित समझी जाने वाली परिसंपत्तियों, जैसे सोने में निवेश प्रभावित होगा।’
डब्ल्यूजीसी के आंकड़े के अनुसार,औसत तिमाही स्वर्ण कीमतें दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर महज 6 प्रतिशत चढ़कर 1,816.5 डॉलर प्रति औंस पर रहीं। क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट के विश्लेषकों ने सोने की कीमतों पर तटस्थ नजरिया बरकरार रखा है और वे अगले तीन महीने/12 महीने में इनके करीब 1,850/1,750 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचने की उममीद कर रहे हैं।
डब्ल्यूजीसी ने कहा है, ‘लगातार वैश्विक आर्थिक रिकवरी से पूरे 2021 में वैश्विक स्वर्ण आभूषण के लिए उपभोक्ता मांग को मदद मिलनी चाहिए, हालांकि कुछ बाजारों, खासकर भारत में कोविड संबंधित चुनौतियों से इसमें समस्या आएगी।’
डब्ल्यूजीसी में भारत के लिए क्षेत्रीय मुख्य कार्याधिकारी सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि व्यवसायी इस साल पूर्ववर्ती वर्ष के मुकाबले ज्यादा तैयार दिखे। पिछले साल महामारी की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन था। उन्होंने कहा, ‘भारत में कुल स्वर्ण मांग 2021 की पहली छमाही में 216.1 टन थी। हालांकि यह वर्ष का निचला स्तर है और इससे ऐसे मांग परिदृश्य का संकेत मिलता है जिसे हालात सामान्य होने पर मांग में अच्छी तेजी को मदद मिलने की संभावना है।’

First Published : July 30, 2021 | 11:54 PM IST