घटतोली की छूट समाप्त, नियम लागू

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 1:01 AM IST

बिस्कुट, ब्रेड, सीमेंट, फेस क्रीम जैसी 22 वस्तुओं के उत्पादकों को गुरुवार से यानी कि 1 मई से नये नियमों का पालन करना होगा।


इन वस्तुओं को सरकार ने माप के माामले में जो विशेष छूट दे रखी थी वह गुरुवार से समाप्त हो रही है। इन वस्तुओं के उत्पादकों ने माप व तोल विभाग से नए नियम को लागू करने के लिए कुछ और समय की मोहलत मांगी थी लेकिन विभाग ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया है।


विभाग का कहना है कि इस मामले में दो साल पहले अधिसूचना जारी कर दी गयी थी और इस नियम की परिधि में आने वाले सभी वस्तुओं को निर्माताओं को इसकी जानकारी भी दे दी गयी है।


लिहाजा समय सीमा में किसी भी कीमत पर बदलाव नहीं किया जा सकता है। विभाग का यह भी कहना है कि नए नियम के लागू होने से इन वस्तुओं के माप विश्व स्तर के हो जाएंगे। जो उत्पादक इसका पालन नहीं करेंगे उनके उत्पादन पर पाबंदी लगा दी जाएगी। वजन के मामले में अब सभी वस्तुओं के लिए एक समान नियम होंगे।


जिन पैक्ड 22 वस्तुओं को सरकार ने माप के मामले में छूट दे रखी थी उनमें बिस्कुट, ब्रेड, सीमेंट, डिटरजेंट क्लीनिंग, फेस क्रीम, घी-वनस्पति व खाद्य तेल, हेयर क्रीम, बच्चों के भोजन व दूधयुक्त खाद्य पदार्थ, तरल दूध, पॉलीथीन बैग में बिकने वाले अनाज व पैकेट में बिकने वाले मसाले, माचिस, शेविंग केक, शेविंग क्रीम, सोप चिप्स, टेलकम व फेस पाउडर, चाय, टॉयलेट साबुन, टूथपेस्ट, टूथपाउडर, हाथ धोने वाला साबुन, लिखाई व छपाई के कागज व भोजन व अन्य पदार्थों को लेपटने वाले कागज (रैपिंग पेपर) शामिल हैं।


इन वस्तुओं के पैकेट पर सरकार ने वजन के मामले में अन्य वस्तुओं के मुकाबले अतिरिक्त छूट दे रखी थी। जैसे, 500 ग्राम तक के बिस्कुट के पैकेट के वजन में 6 फीसदी  तक की कमी की छूट है।


वैसे ही 400 ग्राम तक के पैक्ड ब्रेड के वजन में 8 फीसदी तक की कमी की छूट है। यानी कि 500 ग्राम तक के बिस्कुट के पैकेट का वजन 470 ग्राम तक हो तो यह मान्य होगा। लेकिन एक मई से इस वजन में अधिकतम 15 ग्राम की कमी ही बर्दाश्त की जाएगी। उसी तरह 400 ग्राम के ब्रेड के पैकेट पर 8 फीसदी तक वजन में कमी की इजाजत थी। जो घटकर अब तीन फीसदी ही रह जाएगी।


अब सभी वस्तुओं के लिए एक समान नियम होंगे। 100 से लेकर 300 ग्राम तक की पैक्ड वस्तुओं के वजन में अब अधिकतम 4.5 फीसदी  तक कमी की छूट होगी। तो 300 से 1000 ग्राम तक के लिए 3 फीसदी की छूट दी गयी है। 1000 से 15000 ग्राम तक के लिए यह छूट 1.5 फीसदी रखी गई है तो 15000 ग्राम से अधिक के लिए मात्र एक फीसदी।


उपभोक्ता मामले से जुड़े माप पध्दति विभाग के उप निदेशक बीएन दीक्षित कहते हैं, ‘सरकार माप के मामले में एक समान नियम को लागू करना चाहती है। दुनिया भर में पैकेजिंग का एक नियम है और अब हमें भी इसे लागू करना होगा। नये नियम को अंतरराष्ट्रीय बाजार को देखते हुए तैयार किया गया है।’ हालांकि बिस्कुट व ब्रेड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से इस नियम का पालन करने के लिए कुछ और समय की मोहलत मांगी थी।


ब्रेड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की दलील है कि ब्रेड पैकेजिंग के समय काफी आर्द्रता होती है जिससे बाद में इसका वजन कम हो जाता है। ऐसे में उनकी छूट बरकरार रहनी चाहिए। इस पर माप-तोल विभाग का कहना है कि अगर ऐसा है तो उन्हें ब्रेड की पैकेजिंग के समय पहले से ही अधिक वजन देना चाहिए ताकि बाद में इसकी क्षतिपूर्ति की जा सके।


ऑल इंडिया बिस्कुट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन का कहना है कि सरकार के इस फैसले को व्यावहारिक रूप से अमल करने में काफी दिक्कतें आएंगी। छोटे व मध्यम आकार के उद्यमियों के पास इतनी सटीक पैकेजिंग के लिए न तो मशीन है और न ही यह संभव हो पाएगा। इस प्रकार के मानकों से छोटे निर्माताओं को काफी परेशानी होगी। आए दिन सरकार इन व्यापारियों का चालान करेगी।

First Published : April 30, 2008 | 11:40 PM IST