बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बिजली की खपत मई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 110.47 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। इससे बिजली की वाणिज्यिक और औद्योगिक मांग में धीमी गति से सुधार का संकेत मिलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मई में बिजली की औद्योगिक मांग में सुधार की धीमी गति के लिए महामारी की दूसरी लहर के बीच राज्यों द्वारा लगाए गए स्थानीय लॉकडाउन प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मई में देश के पूर्वी और पश्चिमी तट पर आए दो चक्रवातों के कारण विभिन्न क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में बारिश और तापमान में कमी के कारण भी बिजली की खपत कम हुई। पिछले साल मई में बिजली की खपत 102.08 बीयू थी और इसमें मई 2020 के मुकाबले 15 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।