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भारी आवक के दबाव से चने में गिरावट शुरू

Last Updated- December 10, 2022 | 12:25 AM IST

चना बाजार में आवक के दबाव का असर कीमतों पर पड़ा। इस समय जोरदार आवक का मौसम है और यह दौर मार्च तक जारी रहेगा।
मध्य प्रदेश में 25-27 लाख टन चने के पैदावार की उम्मीद है, जिसे कारोबारी और जिंस विश्लेषक बेहतर उत्पादन मान रहे हैं। इसी तरह की रिपोर्ट राजस्थान से भी मिल रही है, जहां बड़े पैमाने पर चने की खेती होती है।
पिछले पखवाड़े में ऐसा देखा गया था कि देश भर से मंडी में 1.25 लाख बोरी (एक बोरी एक क्विंटल का होता है) चने की आवक हुई, जबकि सामान्यतया 60,000-70,000 बोरी की ही आवक होती है। मध्य प्रदेश से ही आपक इस समय 15,000 बोरी से बढ़कर 50,000 बोरी हो गई है।
एग्रीवाच कमोडिटीज के प्रमुख रघुरमन ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल 15 प्रतिशत बेहतर उत्पादन का अनुमान है। अगर आवक जारी रही तो स्वाभाविक रूप से कीमतों में गिरावट आएगी। अब यह आवक पर निर्भर करता है कि कीमतें कहां पर स्थिर होंगी। अनुमान है कि चने की कीमतें 200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर सकती हैं।
एंजेल कमोडिटीज के शोध विश्लेषक, बदरुद्दीन खान का कहना है चने का कुल उत्पादन 55-56 लाख टन रहने का अनुमान है। अगर आने वाले दिनों को देखें तो कीमतों पर दबाव रहेगा। पिछले साल चने की आवक 52 लाख टन रही थी। 
मध्य प्रदेश और राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी चने का उत्पादन होता है। हालांकि पिछले 3-4 साल से देखा जा रहा है कि दक्षिणी इलाकों में चने की पैदावार में कमी आई है।
इंदौर के एक कारोबारी राहुल वोहरा ने कहा कि वर्तमान में चने की कीमत 2150-2250 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। आवक में दिन प्रतिदिन सुधार हो रही है। वहीं एक जिंस विश्लेषक का कहना है कि देश भर में आवक एक पखवाड़े के भीतर 2 लाख बोरी से ऊपर पहुंच जाएगी।

First Published - February 8, 2009 | 11:10 PM IST

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