facebookmetapixel
भारत सरकार का बड़ा फैसला: काबुल में अपने टेक्निकल मिशन को दिया दूतावास का दर्जासोने और चांदी में निवेश करने से पहले जान लें कि ETF पर कैसे लगता है टैक्सMarket This Week: विदेशी निवेशकों की वापसी, 3 महीने की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त; निवेशकों ने वेल्थ ₹3.5 लाख करोड़ बढ़ीस्टॉक या MF में नहीं लगाना पैसा! AIF है नया विकल्प, कैसे शुरू कर सकते हैं निवेशइ​क्विटी MF में लगातार दूसरे महीने गिरावट, सितंबर में ₹30,421 करोड़ आया निवेश; Gold ETF में करीब 4 गुना बढ़ा इनफ्लोमुकेश अंबानी की RIL के Q2 नतीजे जल्द! जानिए तारीख और समय2025 में रियल एस्टेट को बड़ा बूस्ट, विदेशी और घरेलू निवेशकों ने लगाए ₹75,000 करोड़Canara HSBC Life IPO: ₹2516 करोड़ का आईपीओ, प्राइस बैंड ₹100-₹106; अप्लाई करने से पहले चेक करें डिटेल्सNobel Peace Prize 2025: ट्रंप की उम्मीदें खत्म, वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिला शांति का नोबेलTata Capital IPO का अलॉटमेंट हुआ फाइनल; जानिए ग्रे मार्केट से क्या संकेत मिल रहे हैं

मंदी में दुबला रहा जिंसों का बाजार

Last Updated- December 08, 2022 | 7:46 AM IST

विश्व की तमाम अर्थव्यवस्थाओं के मंदी की गिरफ्त में आने की आशंका से जिंसों की वैश्विक मांग में तेजी से कमी हो रही है। इसका परिणाम यह हुआ है कि जुलाई से अब तक कई जिंसों की कीमत 60 से 70 फीसदी तक लुढ़क चुकी है।


नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में कच्चा तेल 147 डॉलर प्रति बैरल की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था,

लेकिन तब से अब तक इसमें 72 फीसदी की भारी गिरावट हो चुकी है। फिलहाल ब्रेंट क्रूड तेल का भाव 41 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है।

देश में करीब 12.3 करोड़ टन कच्चे तेल का सालाना आयात होता है जो देश की कुल खपत का तीन-चौथाई है। जानकारों के मुताबिक, डॉलर की मजबूती और खाद्य जिंसों का उत्पादन अनुमान बेहतर रहने से भी कीमतों में नरमी आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि धातु की कीमतंड़ भी मंदी से बुरी तरह प्रभावित हुई है।

इनमें अब तक लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। सबसे अधिक गिरावट तांबे में हुई है और यह 4 माह पहले के 8,414 रुपये से गिरकर 3,717 रुपये प्रति टन तक आ गया।

इस्पात की कीमतों में 30 फीसदी की कमी हुई है और यह 980 डॉलर प्रति टन से घटकर मात्र 683 डॉलर रह गई है। टिन में 41 प्रतिशत की कमी हुई और इसके भाव 1,364 डॉलर प्रति टन रह गए।

First Published - December 7, 2008 | 11:50 PM IST

संबंधित पोस्ट