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तीखी रहेंगी मिर्च की कीमतें

Last Updated- December 09, 2022 | 10:42 PM IST

कम पैदावार की उम्मीद के चलते लाल मिर्च बाजार इस समय स्थिर बना हुआ है। दरअसल इसकी फसल कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के बड़े उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की वजह से प्रभावित हुई है।


इसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल उपज में 20-25 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में पिछले साल के उत्पादन की तुलना में 40 प्रतिशत उत्पादन ही होने की उम्मीद है।

वहीं मध्य प्रदेश में भी गिरावट दर्ज की गई है, जहां पिछले साल के 28 लाख बोरी (एक बोरी में 40 किलोग्राम) की तुलना में इस साल 18-20 लाख बोरी मिर्च का ही उत्पादन हो सका है। आंध्र प्रदेश में भी उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है।

मुंबई के मिर्च कारोबारी अशोक दत्तानी ने कहा, ‘महाराष्ट्र और कर्नाटक में शायद ही कोई फसल है। इसका सीधा असर आंध्र प्रदेश में मिर्च की कीमतों पर पड़ेगा, जहां अगले पखवाड़े में आवक में कमी की उम्मीद है।’

पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि मिर्च की कीमतें एक सीमित दायरे में ही रही हैं, चाहे वह वायदा बाजार हो या हाजिर बाजार।

कोटक कमोडिटीज के शोध विश्लेषक फैयाज हुदानी ने कहा, ‘वायदा कारोबार छूट की दरों पर हो रहा है, उसकी तुलना में हाजिर भाव स्थिर है।

पिछले दो सत्र से मिर्च का स्थिर कारोबार इस हकीकत की ओर इशारा कर रहा है कि वायदा बाजार इस भिन्नता को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। मैं यह मान रहा हूं कि कीमतें 4,800-5,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर होंगी।’

विश्लेषकों और कारोबारियों का कहना है कि घरेलू मांग बहुत बेहतर है। बहरहाल, निर्यात के मामले को देखें तो जो देश इसका आयात करते हैं, वहां से मांग बेहतर नहीं कहा जा सकता।

शेयरखान कमोडिटीज के विश्लेषक मेहुल अग्रवाल के मुताबिक, ‘स्थानीय बाजार में करीब 40,000 बोरी की खपत बरकरार है। बांग्लादेश और श्रीलंका से होने वाली मांग में गिरावट आई है। यही सब तथ्य बाजार की दिशा तय करेंगे।’

इसके पहले सत्र में देश में करीब 230 लाख बोरी मिर्च का उत्पादन हुआ था। आंध्र की फसल उच्च गुणवत्ता वाली होती है और ज्यादातर निर्यातक गुंटूर मंडी से ही माल उठाते हैं।

महंगाई की चाल


देश में मिर्च के उत्पादन में 20-25 प्रतिशत कमी का अनुमान

बिन मौसम बरसात से फसलें हुईं बेहाल

मध्य प्रदेश और कर्नाटक की फसलें बाजार में खत्म
विदेश से मांग में कमी

अग्रिम स्टॉक की गुणवत्ता बेहतर नहीं

First Published - January 21, 2009 | 10:59 PM IST

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