कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के बीच सरकारी नियंत्रण वाली भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की योजना 2008-09 में गुजरात से छह से सात लाख गांठ (1 गांठ=170 किलोग्राम) कपास खरीदने की है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
गौरतलब है कि एक साल पहले सीसीआई ने 1.25 लाख गांठ कपास की खरीदारी की थी। बहरहाल शंकर-6 किस्म का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस बार गुजरात से 6 से 7 लाख गांठ कपास खरीदा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जुलाई में कपास निर्यात पर लगने वाले 14 प्रतिशत शुल्क को खत्म करने के बाद निर्यात बढ़ने के चलते यह आकलन लगाया गया है। देश में कपास की कुल खरीद 50 से 100 लाख गांठ तक हो सकती है।
अधिकारी ने जानकारी दी कि सीसीआई अपने 18 केंद्रों से खरीदारी की शुरुआत करने की योजना बना रही है। अगले सप्ताह से अहमदाबाद और उसके आस-पड़ोस के इलाकों से खरीद शुरू हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि 17 जिलों में सीसीआई के 57 केंद्र हैं। कॉरपोरेशन (सीसीआई) ने पिछले साल 1.25 लाख गांठ कपास की खरीदारी की थी क्योंकि उस दौरान कपास की कीमत 2,055 रुपये की एमएसपी से अधिक चल रही थी।
बाजार में कपास की आवक के मद्देनजर कपास के एक एजेंट नीरव दलाल ने कहा कि बाजार में अब तक कपास के 15,000 गांठ आ चुके हैं। अनुमान है कि कपास की कीमत 23,500 रुपये प्रति कैंडी (1 कैंडी= 2.1 गांठ) पर आते ही निर्यातकों की दिलचस्पी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि एक कैंडी की कीमत वर्तमान में लगभग 25,000 रुपये है।
गुजरात से होने वाले निर्यात के मद्देनजर सीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सीसीआई का अनुमान है कि इस साल गुजरात से कपास के निर्यात में कमी आ सकती है क्योंकि सरकार द्वारा एक प्रतिशत का शुल्क हटा लिया गया है और आयात ज्यादा लचीला हो गया है।
कपास की आवक के आरंभ में सीसीआई ने भविष्यवाणी की थी कि इस साल 120 लाख गांठ का उत्पादन होगा। उसका आकलन था कि इसकी वाणिज्यिक खरीदारी एमएसपी से कम पर ही होगी। स्थानीय कपास उद्योग के लिए सीसीआई एक विपणन संस्था है जो उद्योगों में रेशे का उचित वितरण करता है।