माल्ट उद्योग में मांग से जौ में तेजी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 11:27 PM IST

डिस्टिलरी और माल्ट उद्योग से मांग में हुई बढ़ोतरी की वजह से मंद पड़े जौ के बाजार में तेजी आने के आसार हैं। कारोबारियों के मुताबिक, मक्के, ज्वार, बाजरा और ग्वारसीड की कीमतों में बढ़ोतरी से भी इसे समर्थन मिल रहा है।


राजस्थान की बड़ी मंडियों में इसका हाजिर भार 880 रुपये प्रति क्विंटल के करीब रही। अन्य खर्चों को जोड़ने के बाद भी इसकी कीमत 930 रुपये प्रति क्विंटल है। अभी एक पखवाड़े पहले ही जौ की कीमत 800 रुपये प्रति क्विंटल थी।

इसकी कुल खपत का 70 प्रतिशत हिस्सा माल्ट उद्योग में जाता है, जिसका उपयोग बियर बनाने में किया जाता है। इसके अलावा शेष हिस्से की खपत पशुओं के  दाने और अन्य रूपों में होता है। ज्यादातर माल्ट उद्योग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में है।

राजस्थान के श्रीमाधोपुर के जौ कारोबारी सुरेश वशिष्ठ ने कहा कि इस समय उत्तर भारत के माल्ट उद्योग की ओर से बहुत ज्यादा मांग आ रही है। इस समय परिष्करण की प्रक्रिया तेजी से होती है। इस समय कोई उम्मीद नहीं है कि जौ की कीमतों में कमी आए।

राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी जौ की खेती होती है। जौ की नेशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में अप्रैल की वायदा  कीमतें 28 जनवरी को 938 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई हैं।

First Published : January 29, 2009 | 9:58 PM IST