चाय के प्रमुख उत्पादक देश केन्या में उत्पादन घटा तो सीधे तौर पर इसका फायदा भारत को मिला। इस वजह से जुलाई महीने में भारत के चाय निर्यात में 53 प्रतिशत की वृध्दि हुई जबकि उत्पादन में पांच फीसदी की ही बढ़ोतरी हो पाई।
चाय बोर्ड के अनुसार जुलाई में निर्यात बढ़कर एक करोड़ 81 लाख किलोग्राम हो गया, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में एक करोड़ 18.8 लाख किलोग्राम था। इस साल के पहले सात महीनों में चाय की शिपमेंट बढ़कर 10 करोड़ 55.6 लाख किलोग्राम हो गई, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में आठ करोड़ 88.6 लाख किलोग्राम थी।
चाय बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, चाय के बड़े निर्यातक देश केन्या में उत्पादन में कमी आने के कारण खरीदारों ने चीन और भारत का रुख किया है। चीन ने जून तक करीब 15.1 करोड़ किलोग्राम का निर्यात करके भारत को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन भारत का निर्यात भी पर्याप्त रूप से बढ़ा है।
मूल्य के स्तर पर जुलाई महीने में चाय का निर्यात 50 प्रतिशत बढ़कर 213.12 करोड़ रुपये का हो गया, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 143.51 करोड़ रुपये का था। जनवरी से जुलाई के बीच चाय की शिपमेंट बढ़कर 1,096 करोड़ रुपये का हो गया, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 910.27 करोड़ रुपये का था।