Budget 2024: बजट में मोबाइल फोन, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) और चार्जर पर बुनियादी सीमा शुल्क कटौती की घोषणा किए जाने के बावजूद इसका लाभ उपयोगकर्ताओं को नहीं मिलने वाला है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 95 प्रतिशत से अधिक स्मार्टफोन और बड़ी तादाद में चार्जर पहले से ही स्थानीय स्तर पर असेंबल या तैयार किए जाते हैं ऐसे में बजट में सीमा शुल्क में कटौती से कीमतों के लिहाज से कोई खास बदलाव आने की कोई उम्मीद नहीं है सिवाय कुछ ऐसे ब्रांडों की कीमतों में जो भारत में पूरी तरह से तैयार होने वाले फोन के तौर पर इनका आयात करते हैं।
स्मार्टफोन जैसे कि गूगल पिक्सल और कुछ आईफोन प्रो मॉडल को इस सुधार का कुछ फायदा मिलने की संभावना है। हालांकि विशेषज्ञों का यह तर्क है कि ऐपल भले ही शुल्क में कटौती का सबसे ज्यादा लाभ पाने वाली कंपनी के तौर पर नजर आ रही है लेकिन हकीकत में इस दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा कि यह कीमतों में कटौती कर सके।
इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट नवकेंदर सिंह का कहना है, ‘मेरा मानना है कि ऐपल को इसमें ज्यादा फायदा है लेकिन यह इतना भी नहीं है कि आप यह उम्मीद करने लगें कि ऐपल कीमतों में कटौती करे। यह प्रभाव कुछ इस तरह हो सकता है कि थाईलैंड, दुबई और अन्य जगहों के बाजारों से मोबाइल की खरीद-फरोख्त से होने वाले मुनाफे की प्रक्रिया बंद हो सकती है।’
बुधवार को वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि मोबाइल फोन, इनके प्रिटेंड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) असेंबली और चार्जर पर बुनियादी सीमा शुल्क पहले के 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि इस कटौती का सीमित असर होगा और उन्होंने जरूरी चीजों पर शुल्कों को तार्किक बनाने की मांग की है जिसके लिए भारत अब भी निर्यात पर निर्भर है जैसे कि बैटरी सेल और डिस्प्ले मॉड्यूल पैनल आदि।
काउंटरप्वाइंट के विश्लेषक तरुण पाठक, ‘पहले ही 99 फीसदी स्मार्टफोन भारत में असेंबल किए जाते थे और गूगल पिक्सल, हॉनर और आईफोन प्रो मॉडल जैसे स्मार्टफोन जो भारत में पूरी तरह तैयार की जाने वाली इकाई (सीबीयू) है, उन पर कुछ असर पड़ेगा। लेकिन अगर आप प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) असेंबली को देखें तो हमारे यहां सेमी नॉक्ड डाउन (एसकेडी) का निर्माण भारत में हो रहा था और भारत में स्थानीय स्तर पर चार्जर का निर्माण हो रहा है।’ पाठक ने कहा कि शुल्क के लिहाज से ग्राहकों पर एक या दो प्रतिशत का असर होगा।