विस्तारित सार्वजनिक निवेश कार्यक्रम के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के लिए 16.6 लाख करोड़ रुपये या नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.4 फीसदी राजकोषीय घाटा लक्ष्य तय किया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 15.9 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 6.9 फीसदी और बजट अनुमान 15.1 लाख करोड़ रुपये या 6.8 फीसदी रहा था।
सीतारमण ने आज अपने बजट भाषण में कहा, ‘2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि पिछले वर्ष मेरी तरफ से घोषित राजकोषीय समेकन के विस्तृत दायरे के अनुरूप है। इसके जरिये 2025-26 तक राजकोषीय घाटा को 4.5 फीसदी से नीचे लाया जाएगा। 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का स्तर निर्धारित करते समय मुझे मजबूत और टिकाऊ अर्थव्यवस्था बनने के लिए सार्वजनिक निवेश के जरिये वृद्घि को बढ़ाने की जरूरत का अहसास है।’
राजकोषीय घाटे की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब सरकार का खर्च उसके राजस्वों से अधिक होता है।
बहरहाल, वित्त वर्ष 2023 के लिए नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 11.1 फीसदी है। सोमवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा में वास्तविक जीडीपी वृद्घि 8.85 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। इन आंकड़ों पर गौर करें तो केंद्र द्वारा माना गया अपस्फीतिकारक करीब 3 फीसदी प्रतीत होता है बल्कि एक रूढि़वादी अनुमान है कि समीक्षा में ही आगे चलकर मुद्रास्फीति दबावों को लेकर चेताया गया है।
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बजट पेश होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘नॉमिनल जीडीपी का अनुमान लगाने का प्रयास करना हमारे लिए एक मुश्किल काम था। चालू वर्ष की जीडीपी अनिवार्य रूप से ओमीक्रोन के पहले के रुझान का अनुमान है। अगले वर्ष की नॉमिनल जीडीपी के लिए थोड़ी छूट है क्योंकि हम अपने बढ़े हुए अनुमानों को ही लेते हैं। हमने अगले वर्ष की जीडीपी वृद्घि का अनुमान अर्थशास्त्रियों ने जो हमें बताया है उससे थोड़ा कम रखा है।’
सोमनाथन ने कहा, ‘इस वर्ष नॉमिनल जीडीपी वृद्घि 9 फीसदी की वास्तविक जीडीपी वृद्घि पर 17 फीसदी से अधिक हो सकती है जो कि उच्च अपस्फीतिकारक की वजह से है। इसके कारण अगले वर्ष अपस्फीतिकारक का आधार प्रभाव हो सकता है जिसके कारण यह कम रह सकता है।’
वित्त वर्ष 2023 का कुल बजट आकार 39.4 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है जो कि वित्त वर्ष 2022 के 37.7 लाख करोड़ रुपये से 4.5 फीसदी अधिक है। इसमें से वित्त वर्ष 2023 के लिए राजस्व खर्च 31.9 लाख करोड़ रुपये रखा गया है जो कि वित्त वर्ष 2022 के संशोधित अनुमान के लगभग बराबर है।
बड़ी उछाल पूंजीगत व्यय में आई है। वित्त वर्ष 2023 के लिए पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान 7.5 लाख करोड़ रुपये है जो वित्त वर्ष 2022 के 6.02 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 24.6 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2022 के लिए पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान 5.54 लाख करोड़ रुपये रहा था।
