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Budget 2024-25: रेलवे को मिले तीन आर्थिक गलियारे, वंदे भारत जैसी होंगी 40 हजार बोगियां

Budget 2024-25: सीतारमण ने कहा, 'भारी यातायात गलियारे के कारण ट्रेनों की भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार होगा। इससे यात्रियों के लिए सुरक्षा बढ़ेगी।'

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शाइन जेकब   
ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- February 01, 2024 | 10:03 PM IST

भारतीय रेल के विकास को रफ्तार देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने अंतरिम बजट में कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने  रेलवे के लिए तीन प्रमुख आर्थिक गलियारा परियोजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव किया। इनमें ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा, बंदरगाह कनेक्टिविटी गलियारा और भारी यातायात वाला गलियारा शामिल हैं।

मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए पीएम गति शक्ति योजना के तहत इन परियोजनाओं की पहचान की गई है। इनका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स कुशलता सुधारना और लागत को कम करना है।

सीतारमण ने कहा, ‘भारी यातायात गलियारे के कारण ट्रेनों की भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार होगा। इससे यात्रियों के लिए सुरक्षा बढ़ेगी और यात्रा की गति भी बेहतर होगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ मिलकर ये तीनों आर्थिक गलियारे देश की जीडीपी वृद्धि को गति देंगे और लॉजिस्टिक लागत कम करेंगे।’

लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे पर वित्त मंत्री की यह बात केंद्र सरकार पर सुरक्षा और समय पालन को लेकर पिछले साल हुईं आलोचनाओं के जवाब में थी। पिछले साल ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे में 300 लोगों की मौत के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। रेलवे नेटवर्क पर भीड़ के कारण रेलवे स्टेशनों पर भी भीड़ बढ़ गई। इस कारण नवंबर में त्योहारों के दौरान रेल यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

40 हजार ट्रेनों की बोगियां वंदे भारत जैसी

इसके अलावा 40 हजार ट्रेनों की बोगियों को वंदे भारत जैसी बोगियों में तब्दील किया जाएगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा बढ़े एवं सुविधा और आराम मिल सके। इन गलियारों से राष्ट्रीय रेल योजना और मिशन 300 करोड़ टन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है।

राष्ट्रीय रेल योजना के तहत भारतीय रेलवे ने साल 2022 में वित्त वर्ष 2028 तक रेल बुनियादी ढांचे और रेल नेटवर्क विस्तार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई थी। इसके जरिये वित्त वर्ष 2030 तक मिशन 300 करोड़ टन (मिशन 300 करोड़ टन) की माल ढुलाई की जा सके। मिशन 300 करोड़ टन के तहत 8.45 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित पूंजीगत व्यय के साथ 1,200 से अधिक कार्यों को अगले पांच वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है।

रेलवे ने की करीब 7 फीसदी ज्यादा माल ढुलाई

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रेलवे ने 151.2 करोड़ टन माल ढुलाई की, जो वित्त वर्ष 2021-22 के 141. 8 करोड़ टन की तुलना में 6.63 फीसदी अधिक है। यह किसी भी वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे के लिए सर्वाधिक ढुलाई है। वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल से नवंबर के दौरान भारतीय रेलवे ने 101.567 करोड़ टन माल ढुलाई की, जो पिछले साल की इसी अवधि के 97.872 करोड़ टन से 3.6945 करोड़ टन अधिक है।

साल 2022-23 के दौरान इसने 2.44 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले साल के 1.91 लाख करोड़ रुपये से 28 फीसदी अधिक है। रेलवे की आय 110.007 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी अवधि के 105.905 करोड़ रुपये से करीब 4,102 करोड़ रुपये ज्यादा है।

First Published : February 1, 2024 | 8:33 PM IST