वाहन कलपुर्जा निर्माताओं के संगठन (एक्मा) के महानिदेशक विन्नी मेहता ने मंगलवार को कहा कि अप्रैल में चीन द्वारा आयात प्रतिबंध और उसके बाद दुर्लभ मैग्नेट की मौजूदा किल्लत भारत के वाहन कलपुर्जा उद्योग के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा कि उद्योग निकाय अब अपनी आपूर्ति श्रृंखला में कमजोरियों का पता लगाने और उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक व्यापक अध्ययन कर रहा है, जिनमें जरूरी बदलाव किए जाने की आवश्यकता है।
मेहता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह एक चेतावनी है। हमारे लिए एकमात्र समाधान आत्मनिर्भर बनना है। हमें अपनी सारी ऊर्जा इसी पर केंद्रित करनी है।’ उन्होंने कहा कि भले ही मौजूदा इन्वेंट्री मौजूदा समय में आगामी चुनौतियों के प्रभाव को छिपा रही है, लेकिन ‘इन्वेंट्री अनंत नहीं है।’
2024-25 में भारत का कुल वाहन कलपुर्जा आयात सालाना आधार पर 7 प्रतिशत बढ़कर 22.4 अरब डॉलर हो गया। एसीएमए ने कहा कि चीन आयात का सबसे बड़ा स्रोत बना रहा, जिसका हिस्सा वित्त वर्ष 2024 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 32 प्रतिशत हो गया।
एक्मा ने बताया कि वित्त वर्ष 2025 में भारतीय ऑटो कंपोनेंट वाहन कलपुर्जा का कुल आकार 80.2 अरब डॉलर रहा, जो सालाना आधार पर 9.6 प्रतिशत की वृद्धि है, जिसे वाहन निर्माताओं को आपूर्ति में वृद्धि, मजबूत निर्यात और आफ्टरमार्केट मांग से समर्थन मिला। एक्मा की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह का मानना है कि दुर्लभ मैग्नेट के लिए उद्योग चीन पर अत्यधिक निर्भर है।