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पहली तिमाही में वाहन क्षेत्र के OEM का प्रदर्शन प्रभावित होने की आशंका

इनमें वॉल्यूम में नरमी, कमोडिटी की महंगाई, दुर्लभ खनिज मैग्नेट वाले पुर्जों की किल्लत और ईरान-इजरायल संघर्ष के कारण निर्यात पर असर शामिल है।

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सोहिनी दास   
Last Updated- July 13, 2025 | 10:06 PM IST

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान वाहन क्षेत्र के मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) का प्रदर्शन कई कारकों से प्रभावित होने की आशंका है। इनमें वॉल्यूम में नरमी, कमोडिटी की महंगाई, दुर्लभ खनिज मैग्नेट वाले पुर्जों की किल्लत और ईरान-इजरायल संघर्ष के कारण निर्यात पर असर शामिल है। विश्लेषकों को लगता है कि ओईएम की राजस्व वृद्धि कई कारणों से सालाना आधार पर 4 से 8 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है। इनमें कमोडिटी की महंगाई, परिचालन पर ऋणात्मक असर और नियामकीय नियमों में बदलाव शामिल हैं जिनके कारण मार्जिन में नरमी की संभावना है।

ऐक्सिस सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे उम्मीद है कि उसके विश्लेषण में शामिल ओईएम के राजस्व में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी जबकि एबिटा या करोपरांत लाभ (पीएटी) 3.4 प्रतिशत तक कम होने की आशंका है। विश्लेषकों ने कहा कि एबिटा मार्जिन में यह अनुमानित गिरावट ज्यादा छूट, विज्ञापन खर्च, ऋणात्मक परिचालन लीवरेज (उत्पादन रुकना) के कारण होगी। लेकिन इसकी आंशिक भरपाई बेहतर वाहन मेल (अधिक निर्यात) और पिछले वर्ष की तुलना में इस साल की गई मूल्य वृद्धि से हो जाएगी।

हालांकि तिमाही आधार पर राजस्व में 7.6 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका है जबकि करोपरांत लाभ में 15.7 प्रतिशत तक की गिरावट जिसमें एबिटा मार्जिन में 100 आधार अंकों (बीपीएस) से अधिक की कमी शामिल है। निर्मल बांग के विश्लेषकों ने समेकित राजस्व में 8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है लेकिन स्टील और अन्य कीमती धातुओं की कीमतों में इजाफे की वजह से मूल उपकरण विनिर्माताओं के मार्जिन में कमी के आसार हैं। अलबत्ता राजस्व में वृद्धि कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी की भरपाई कर देगी।

निर्मल बांग ने कहा, ‘दुर्लभ खनिजों से संबंधित आपूर्ति श्रृंखला संबंधी मसलों पर नजर रखने की जरूरत होगी क्योंकि कई ओईएम ने, जब तक कि चीन प्रतिबंध नहीं हटा लेता, उत्पादन में कटौती का अनुमान जताया है।’ नोमुरा ने कहा कि उनके विश्लेषण में शामिल वाहन क्षेत्र के ओईएम (जगुआर लैंड रोवर को छोड़कर) 5 प्रतिशत की संयुक्त राजस्व वृद्धि और पिछले साल के मुकाबले एबिटा में 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज कर सकती हैं। जेएलआर के मामले में टैरिफ की अनिश्चितता के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में मार्जिन का अनुमान कम है।

नोमुरा ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि तिमाही में टैरिफ का असर करीब 300 आधार अंक रहेगा। कंपनी ने अमेरिका में तिमाही आधार पर प्रोत्साहनों में 100 आधार अंक तक की कमी की है। इस तरह जेएलआर की ब्याज और कर पूर्व कमाई (ईबिट) का मार्जिन लगभग 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो अनुमान के दायरे में सबसे कम है।’

मोतीलाल ओसवाल ने भी इसी तरह का संकेत दिया है। राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर स्थिर रहेगी जबकि एबिटा/पीएटी में क्रमशः 12 प्रतिशत तक की गिरावट की संभावना है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के दौरान वॉल्यूम वृद्धि चुनौती बनी रही। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि उसके विश्लेषण में शामिल वाहन क्षेत्र की ओईएम ने सालाना आधार पर कुल मिलाकर 1.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। सूचीबद्ध कंपनियों में दोपहिया और यात्री वाहनों की ओईएम ने 1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। वाणिज्यिक वाहन के वॉल्यूम में 2 प्रतिशत की गिरावट आई।

First Published : July 13, 2025 | 10:06 PM IST