वाणिज्यिक वाहन और यात्री वाहन बाजार की अग्रणी कंपनियों टाटा मोटर्स और मारुति सुजूकी ने कच्चे माल की बढ़ती लागत और परिचालन खर्च का हवाला देते हुए अप्रैल से अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। मारुति की कारों की कीमतों में 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी जबकि टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें 2 फीसदी तक बढ़ जाएंगी। उद्योग के आंतरिक सूत्रों ने यात्री वाहन की कीमतों में बढ़ोतरी को चौंकाने वाला बताया है।
फाडा अकेडमी ऐंड रिसर्च के चेयरमैन मनीष सिंघानिया ने कहा, यह मूल्य वृद्धि आश्चर्यजनक है क्योंकि यात्री वाहनों के लिए आपूर्ति श्रृंखला काफी हद तक स्थिर हो गई है और हमने कोई बड़ी बाधा नहीं देखी है। जबकि बढ़ती इनपुट लागत और परिचालन खर्च को इसके कारणों के रूप में उद्धृत किया जाता है, यह ओईएम. की ओर से एक मानक प्रतिक्रिया है। बाजार परिपक्व हो रहा है और मामूली 1.3 फीसदी की वृद्धि के पूर्वानुमान के साथ उच्च वृद्धि प्राप्त करना संभवतः मूल्य वृद्धि के बजाय नए मॉडलों की पेशकश पर निर्भर करेगा। वाणिज्यिक वाहन दबाव में हैं और पूरी तरह से सुधार होना अभी बाकी है। बढ़ी कीमतें वृद्धि को बढ़ावा देने के बजाय बाजार की धारणा को कमजोर कर सकती है।
मारुति सुजूकी इंडिया ने एक नियामक सूचना में कहा कि कीमत में बढ़ोतरी मॉडलों के आधार पर अलग-अलग होगी। कंपनी ने कहा, बढ़ती इनपुट लागत और परिचालन खर्च को देखते हुए कंपनी ने अप्रैल 2025 से अपनी कारों की कीमतों में वृद्धि करने की योजना बनाई है। कंपनी लगातार लागत को अनुकूलित करने और अपने ग्राहकों पर प्रभाव को कम करने का प्रयास करती है, लेकिन बढ़ी हुई लागत का कुछ हिस्सा बाजार पर डालने की जरूरत पड़ सकती है।
इस बीच, टाटा मोटर्स ने अपने सभी वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में 2 फीसदी तक का इजाफा करने की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। टाटा मोटर्स ने बताया कि इनपुट लागत में वृद्धि की भरपाई के लिए मूल्य वृद्धि आवश्यक है और यह अलग-अलग मॉडलों और वेरिएंट के अनुसार अलग-अलग होगी। आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, मूल्य वृद्धि इनपुट लागत में वृद्धि की भरपाई के लिए है और यह अलग-अलग मॉडलों और वेरिएंट के अनुसार अलग-अलग होगी।
टाटा मोटर्स की तरफ से वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी है। कंपनी जनवरी में 2 फीसदी कीमतें बढ़ा चुकी है। इन मूल्य समायोजन के बावजूद वाणिज्यिक वाहन उद्योग के लिए आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में देसी वाणिज्यिक वाहन उद्योग की थोक बिक्री में सालाना आधार पर 3 से 5 फीसदी की वृद्धि होगी।