FADA ने हाल ही में कहा था कि पैसेंजर व्हीकल इन्वेंटरी 52–53 दिनों तक पहुंच गई है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Auto Sales in May: पैसेंजर व्हीकल्स (PVs) की थोक बिक्री मई में 0.8 फीसदी (YoY) घटकर 3,44,656 यूनिट रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 3,47,492 यूनिट थी। अप्रैल में PV सेल्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी रही थी। वहीं, टू-व्हीलर सेगमेंट में 2.2% की हल्की बढ़त दर्ज की गई है। मई में यह 16,55,927 हो गई, जबकि एक साल पूर्व इसी महीने में 16,20,084 थी। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) की ओर से सोमवार को ऑटो सेल्स के ताजा आंकड़े जारी किए।
SIAM की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू बाजार में कुल थ्री-व्हीलर्स की बिक्री मई में सालाना आधार पर 55,763 की तुलना में 3.3 फीसदी घटकर 53,942 रह गई। सियाम ने कहा कि सभी कैटेगरी में वाहनों की कुल थोक बिक्री 1.8 फीसदी बढ़कर 20,12,969 हो गई, जबकि पिछले साल मई में यह 19,76,674 थी। यूटिलिटी व्हीकल (UV) सेगमेंट में मई में 7.6% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि पैसेंजर कार डिस्पैच में 12.2% की गिरावट आई।
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इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि डीलर स्तर पर ज्यादा इन्वेंटरी और कमजोर कंज्यूमर सेंटीमेंट के चलते डिस्पैच में गिरावट आई है। मई में पैसेंजर व्हीकल की रिटेल बिक्री साल-दर-साल 3.1% और महीने-दर-महीने 13.6% घट गई।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने हाल ही में कहा था कि पैसेंजर व्हीकल इन्वेंटरी 52–53 दिनों तक पहुंच गई है।
FADA ने अपने बयान में कहा था, “हाई इन्वेंटरी और एंट्री-लेवल मॉडलों में कमजोर मांग के साथ-साथ सीमा से सटे राज्यों (जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात) में युद्ध जैसे हालात और मार्जिन मनी से जुड़ी चुनौतियों के चलते रिटेल कन्वर्जन कमजोर रहा, भले ही बुकिंग अच्छी रही।”
मई में डिस्पैच में गिरावट आई है, लेकिन इंडस्ट्री को आगे पॉजिटिव ट्रेंड की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की हालिया ब्याज दर कटौती और सामान्य से बेहतर मानसून का अनुमान इस सेक्टर में मांग को बढ़ावा दे सकते हैं।
SIAM के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, “मई में सभी वाहन सेगमेंट ने स्टेबल परफॉर्मेंस किया। पैसेंजर व्हीकल की डिलीवरी 3,44,656 यूनिट्स रही, जो अब तक के किसी भी मई महीने की दूसरी सबसे बड़ी बिक्री है। तीन-पहिया वाहनों में पिछले साल की तुलना में 3.3% की गिरावट आई जबकि टू-व्हीलर्स में 2.2% की वृद्धि दर्ज की गई।”
उन्होंने कहा, “RBI द्वारा छह महीने में 100 बेसिस पॉइंट की तीन रेपो रेट कटौती और बेहतर मानसून की संभावना जैसे कारक ऑटो सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत हैं। इससे किफायती वाहन खरीद संभव होगी और ग्राहक भावना में सुधार होगा।”