केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग (फेम 2) से जुड़ी योजना के दूसरे चरण के लिए अतिरिक्त 1,500 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी है।
मंत्रालय ने इसलिए भी राशि दी है क्योंकि संभावनाएं जताई जा रही थीं कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की दमदार बिक्री के कारण मार्च 2024 यानी समयसीमा से पहले ही आवंटित रकम खत्म हो सकती है।
व्यय विभाग ने दो जनवरी को फेम 2 के खर्च को 10 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। व्यय विभाग के आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘विभाग 31 मार्च, 2024 तक फेम 2 के तहत बजट आवंटन को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी देता है।’
देश में ईवी की बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बजट बढ़ाया गया है। 26 दिसंबर तक सरकार ने योजना के तहत आवंटित 10 हजार करोड़ रुपये में से 8,948 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।
अनुपूरक धनराशि देकर सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों को छोड़कर अन्य सभी इलेक्ट्रिक वाहनों की श्रेणियों के लिए अपने सहायता को बढ़ा दिया है।
साथ ही 15.6 लाख वाहनों को सब्सिडी देने की बजाय इसे बढ़ाकर 17.40 लाख कर दिया गया। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का लक्ष्य 50 फीसदी बढ़ाकर 15.5 लाख कर दिया गया था जबकि इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों का लक्ष्य 68 फीसदी कम कर 1,55,536 कर दिया गया था।
वहीं, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों का लक्ष्य भी 13 फीसदी कम कर 30,461 कर दिया गया था। बसों के लिए भी लक्ष्य 7,090 से बढ़ाकर 7,262 कर दिया गया था।