एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिश्रित (ईबीपी) करने का लक्ष्य पूरा होने के बाद केंद्र सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए इस महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए व्यापक रूपरेखा तय करने की योजना बनाई है। कई अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। एथनॉल के लिए आपूर्ति वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक होता है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग, भारी उद्योग मंत्रालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग तथा नीति आयोग के अधिकारियों की एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है, जो मार्च तक इस बारे में अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘समिति की पांच बैठकें पहले ही हो चुकी हैं और इस महीने दो-तीन बैठक और होने की उम्मीद है। आगे के लक्ष्य की व्यवहार्यता पर परामर्श करने के बाद हम मार्च तक सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे।’ एक अन्य अधिकारी ने बताया कि समिति अभी तक अगले पांच वर्षों के लिए पेट्रोल में एथनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य लेकर नहीं आई है क्योंकि परामर्श जारी है। हालांकि एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अगले 5 साल के लिए पेट्रोल में 25 फीसदी एथनॉल मिलाने का लक्ष्य तय किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि भारत का अंतिम लक्ष्य ई100 (पूर्णत: एथनॉल) हासिल करना है और भारत इस योजना पर आगे बढ़ने के लिए तकनीकी सलाह के लिए ब्राजील से भी बात कर रहा है।
इस बारे में जानकारी के लिए संबंधित मंत्रालयों और विभागों के प्रवक्ताओं तथा तेल मार्केटिंग कंपनियों को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। नीति आयोग द्वारा भारत में 2020-25 तक एथनॉल मिश्रण की रूपरेखा के अनुसार 2025-26 तक पेट्रोल में मिलाने के लिए करीब 1,016 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होने का अनुमान है।
एथनॉल प्राथमिक जैव ईंधन में से एक है, जिसका घरेलू स्तर पर प्राकृतिक रूप से खमीर द्वारा चीनी के किण्वन (फर्मेन्टेशन) या एथिलीन हाइड्रेशन जैसी पेट्रोरसायनिक प्रक्रियाओं द्वारा उत्पादन किया जाता है।
विकास करती अर्थव्यवस्था, बढ़ती आबादी, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण भारत में ऊर्जा की मांग भी बढ़ रही है और इस जरूरत को पूरा करने में एथनॉल की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
मार्च 2024 तक सड़क परिवहन क्षेत्र में उपयोग किए गए करीब 98 फीसदी ईंधन जीवाश्म ईंधन थे जबकि एथनॉल जैसे जैव ईंधन की हिस्सेदारी केवल 2 फीसदी रही। ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने ईबीपी कार्यक्रम के तहत 2030 तक पेट्रोल में 20 फीसदी ईंधन (ई20) मिश्रित करने का लक्ष्य रखा था। मगर बाद में इस लक्ष्य की अवधि को कम करके 2025 कर दिया गया।
जनवरी के अंत तक कुल मिश्रण क्षमता 17.4 फीसदी थी जो दिसंबर अंत में 18.8 फीसदी थी। मगर सरकारी अधिकारियों और उद्योग के भागीदारों के अनुसार वर्तमान में इसका औसत 16 फीसदी है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘ई20 लक्ष्य तक पहुंचने में अभी करीब डेढ़ साल और लगेंगे। इस साल अक्टूबर अंत तक हम 18 फीसदी मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेंगे और अगले एथनॉल आपूर्ति वर्ष तक यह 20 फीसदी तक पहुंच जाएगा। 2026-27 से अगले 5 साल के लिए पेट्रोल में एथनॉल मिलाने का लक्ष्य बढ़ाकर 25 फीसदी किया जा सकता है।’एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल में 707 करोड़ लीटर एथनॉल मिलाया गया जो 2013-14 में सिर्फ38 करोड़ लीटर था। आधिकारों के अनुसार पिछले साल दिसंबर तक एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम से तेल मार्केटिंग कंपनियों को करीब 1.13 लाख करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिली और कच्चे तेल की खपत 1.93 करोड़ टन कम हुई।