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भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को 10,512 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की पुनर्खरीद की जबकि अधिसूचित राशि 40,000 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय बैंक को 53,333 करोड़ रुपये की निविदाएं मिली थीं। बाजार के साझेदारों के अनुसार रिजर्व बैंक ने केवल फाइनैंशियल बेंचमार्क प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) के स्तरों पर निविदाएं मंजूर की थीं।
भारत में एफबीआईएल ब्याज दरों के बेंचमार्क सहित विभिन्न वित्तीय बेंचमार्क के प्रशासन और प्रकाशन की जिम्मेदारी निभाती है। इन बेंचमार्क का इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय उत्पादों के संदर्भों जैसे ऋण, उधार और डेरिवेटिव्स के लिए होता है। इस संस्था को रिजर्व बैंक विनियमित करता है।
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एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘बाजार का अनुमान था कि भारतीय रिजर्व बैंक कम से कम 25,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों को जुटाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए नीलामी के बाद बिकवाली हुई।’ उन्होंने बताया, ‘बाजार एक आधार अंक (बेंचमार्क बॉन्ड का यील्ड) बढ़ गया।’
बाईबैक के लिए निर्धारित प्रतिभूतियां 6.18% 2024, 9.15% 2024, और 6.89% 2025 थीं। रिजर्व बैंक को 6.18 प्रतिशत 2024 के बॉन्ड पर अधिकतम निविदा 28,464 करोड़ रुपये की मिली थी। विडंबना यह है कि ऐसी ही प्रतिभूति पर आरबीआई को सबसे कम 437 करोड़ रुपये की निविदा मिली थी। बाजार के साझेदारों के अनुसार ज्यादातर कोष के खरीदार सरकारी बैंक और बीमा कंपनियां थीं। सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘बैंक इस बारे में अधिक जागरूक हैं कि किस स्तर पर बोली लगानी चाहिए।’