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स्पेक्ट्रम नीलामी में अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट के कम रहने के आसार

6 जून को शुरू हो रही नीलामी के लिए सरकार ने 10,523.15 मेगाहर्ट्ज के लिए 96,317.65 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य तय किया है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- June 02, 2024 | 9:35 PM IST

दूरसंचार विभाग (DoT) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बोलीदाताओं से सरकार के पास एकत्रित की जाने वाली अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) पिछले 6 नीलामी राउंड में सबसे कम रहने का अनुमान है। स्पेक्ट्रम नीलामी इस सप्ताह के आखिर में शुरू होने वाली है।

स्पेक्ट्रम के लिए काफी कम मांग और बाजार दिग्गज रिलायंस जियो (Reliance Jio) द्वारा अपनाए जा रहे सतर्क रुख को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि नीलामी इस बार सुस्त रहेगी।

सोमवार को दूरसंचार विभाग मॉक नीलामी का आयोजन करेगा। यह नीलामी पहली बार होगी जब दूरसंचार विभाग लाइव नीलामी के लिए नीलामी सूची प्रकाशित करेगा।

डीओटी द्वारा अपलोड नीलामी संबंधित दस्तावेजों के अनुसार, निजी क्षेत्र की तीन दूरसंचार कंपनियों- रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने आगामी बोली प्रक्रिया के लिए ईएमडी के तौर पर 4,350 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आंकड़े से संकेत मिलता है कि तुलनात्मक तौर पर, संयुक्त ईएमडी राशि 2022 में 5 गुना ज्यादा थी।

कंपनियों को उनके द्वारा जमा कराई गई ईएमडी के आधार पर पॉइंट मिलते हैं, जिससे वे कम या ज्यादा सर्किलों और स्पेक्ट्रम की मात्रा के लिए बोली लगाने में सक्षम रहती हैं।

ज्यादा पॉइंट का मतलब है बोली लगाने की अधिक क्षमता। आईआईएफएल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियां अपनी ईएमडी के दोगुने मूल्य तक के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकती हैं। 2022 में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी में ज्यादा बोलियां देखी गईं, क्योंकि दूरसंचार कंपनियों ने नई टेक्नोलॉजी के लिए बढ़-चढ़कर नीलामी में हिस्सा लिया था।

6 जून को शुरू हो रही नीलामी के लिए सरकार ने 10,523.15 मेगाहर्ट्ज के लिए 96,317.65 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य तय किया है।

हालांकि पिछली बिक्री से सभी गैर बिके स्पेक्ट्रम की फिर से बोली लगाई जा रही है, लेकिन 2022 के बाद से प्रस्तावित स्पेक्ट्रम की मात्रा में 7 गुना से अधिक की कमी आई है। 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज (गीगाहर्ट्ज) बैंड में स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। हालांकि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड उपलब्ध नहीं होगा।

स्पेक्ट्रम नवीनीकरण की आवश्यकता तथा कुछ सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एयरटेल आगामी नीलामी में बाजार की अग्रणी कंपनी जियो की तुलना में अधिक स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकती है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारती और वोडाफोन आइडिया ने कुछ सर्किलों में 900 मेगाहर्ट्ज का नवीनीकरण किया है, लेकिन भारती अपनी सब-1 गीगाहर्ट्ज होल्डिंग्स को मजबूत करने के लिए भी इस अवसर का इस्तेमाल कर सकती है।’

First Published : June 2, 2024 | 9:35 PM IST