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मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन’ में बदलाव मंजूर

ये बदलाव इस साल के अंत में कंपनी की सूचीबद्धता की योजना के तहत किए जा रहे हैं।

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- January 31, 2025 | 11:30 PM IST

टाटा संस की प्रमुख वित्तीय सेवा इकाई टाटा कैपिटल के बोर्ड ने कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुरूप अपने मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन में बदलावों को मंजूरी दे दी है और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) के एक नए सेट को अपनाया है। ये बदलाव इस साल के अंत में कंपनी की सूचीबद्धता की योजना के तहत किए जा रहे हैं।

पोस्टल बैलट के लिए गुरुवार को जारी सूचना में कंपनी ने कहा कि एक एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) के रूप में, वह पूंजी पर्याप्तता से संबंधित नियमों के अधीन है। इसमें कहा गया, ‘कंपनी अपने ऋण पोर्टफोलियो और परिसंपत्ति आधार को बढ़ाना जारी रखेगी, इसलिए उसे अपने व्यवसाय के संबंध में जरूरी पूंजी पर्याप्तता अनुपात को पूरा करने के लिए अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी समय-समय पर राइट्स इश्यू के माध्यम से अतिरिक्त पूंजी जुटा सकती है।’
टाटा समूह ने बुधवार को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं दिया है।

कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार, धारा 25 में ‘डीम्ड प्रॉस्पेक्टस’ को परिभाषित किया गया है, जिसके अनुसार सार्वजनिक बिक्री के लिए प्रतिभूतियों की पेशकश करने के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी दस्तावेज को प्रॉस्पेक्टस माना जाता है, जिसके साथ सभी कानूनी निहितार्थ जुड़े होते हैं। दूसरी ओर, धारा 42 ‘प्राइवेट प्लेसमेंट’ की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है, जो कंपनियों को सार्वजनिक पेशकश के बिना निवेशकों के एक सीमित समूह को प्रतिभूतियां पेश करके पूंजी जुटाने की अनुमति देती है।

टाटा कैपिटल और टाटा संस दोनों को भारतीय रिजर्व बैंक ने ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में टैग किया है, जिससे दोनों कंपनियों के लिए इस साल सितंबर तक सूचीबद्ध होना अनिवार्य हो गया है।

फिलहाल टाटा कैपिटल में टाटा संस की हिस्सेदारी 92.83 प्रतिशत, टाटा समूह की कंपनियों की हिस्सेदारी 2.46 प्रतिशत, आईएफसी (अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम) की हिस्सेदारी 1.91 प्रतिशत और एम्प्लॉई वेलफेयर ट्रस्ट की हिस्सेदारी 1.16 प्रतिशत है, जबकि शेष 1.64 प्रतिशत हिस्सेदारी अन्य के पास है।

First Published : January 31, 2025 | 10:55 PM IST