अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांत रिसोर्सेज (Vedanta Resources) ने अपने कोंकोला तांबा खदान परिसंपत्ति के लिए रकम जुटाने के वास्ते स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक को रखा है। बैंक का कहना है कि जांबियन परियोजना के अल्पावधि रकम जुटाने और दीर्घावधि इक्विटी के जरिये रकम जुटाने के लिए कई संभावित भागीदारों के साथ काम कर रहा है।
वेदांत के अधिकारी ने कहा है कि कोंकोला कॉपर माइंस (केसीएम) का परिचालन शुरू करने के लिए रकम जुटाने की प्रक्रिया में और मूल्य सृजन को रफ्तार देने की रणनीति में पूंजी आवंटन को उपयुक्त बनाने और विस्तार को रफ्तार देने की प्रतिबद्धता एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
वेदांत के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम पुष्टि कर सकते हैं कि स्टैंडर्ड चार्टड बैंक वेदांत को अपने पूंजी ढांचे के प्रबंधन के लिए व्यापक रणनीति बनाने में कंपनी की मदद कर रहा है। साथ ही बैंक ने कंपनी को आश्वस्त किया है कि उसके पास परिचालन जारी रखने के लिए रकम की कोई कमी नहीं होगी।
कंपनी ने उन खबरों पर प्रतिक्रिया दी है जिनमें कहा गया था कि दुबई की फंड इंटरनैशनल रिसोर्सेज होल्डिंग्स ने जांबिया परियोजा में 1 अरब डॉलर में हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है।
वेदांत रिसोर्सेज के पास खनन कंपनी में 80 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने कहा विमर्श अभी संवेदनशील चरण में है इसलिए वह साझेदारों और निवेशकों के नामों का खुलासा नहीं कर सकती है। वीआरएल असूचीबद्ध कंपनी जबकि उसकी भारतीय इकाई वेदांत लिमिटेड भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी है। वेदांत लिमिटेड का शेयर मंगलवार को 377 रुपये पर बंद हुआ। वीआरएल की भारतीय कंपनी में 61.95 फीसदी हिस्सेदारी है।
वेदांत ने कहा कि वह जांबिया और वहां के लोगों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अगले 10 वर्षों में सालाना 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक तांबे के उत्पादन के लिए देश के नजरिये के साथ पूरी तरह साथ है। प्रवक्ता ने कहा, ‘कंपनी को जांबियन उच्च न्यायालय में सभी लंबित मसलों के त्वरित समाधान की उम्मीद है।’