नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट (Nuvama Wealth Management Stocks) के शेयरों की ट्रेडिंग मंगलवार को एक्सचेंज में शुरू हुई और इस तरह से कंपनी सूचीबद्ध परिसंपत्ति प्रबंधन फर्मों मसलन 360 वन वेम और आनंद राठी वेल्थ जैसी उद्योग की समकक्ष कंपनियों के साथ जुड़ गई।
नुवामा को एडलवाइस फाइनैंशियल सर्विसेज से अलग किया गया है और यह एनएसई पर 2,612.5 रुपये पर बंद हुआ, जो कंपनी का मूल्यांकन 9,163 करोड़ रुपये पर पहुंचाता है। हालांकि इसकी उचित कीमत सामने आने के लिए कुछ और कारोबारी सत्र लग सकते हैं क्योंकि कुछ चुनिंदा ट्रेड के बाद यह शेयर 5 फीसदी की निचली सीमा को छू गया।
प्राइवेट इक्विटी दिग्गज पीएजी प्रवर्तित नुवामा के वर्टिकल में वेल्थ मैनेजमेंट, परिसंपत्ति प्रबंधन और पूंजी बाजार शामिल है। कंपनी 2.5 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का प्रबंधन करती है। वित्त वर्ष 23 में कंपनी का राजस्व 1,575 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 368 करोड़ रुपये (कुछ निश्चित नॉन-रेकरिंग खच4 को छोड़कर) रहा।
कंपनी अपनालत्र तीन साल में दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसे भारत में धनाढ्यों की संख्या में बढ़ोतरी और निवेश समाधान की उनकी मांग से सहारा मिलेगा।
भारत में धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई-जिनकी परिसंपत्तियां 10 लाख डॉलर से ज्यादा हो) की आबादी साल 2026 तक 12 फीसदी सालाना बढ़त के साथ 14.1 लाख पर पहुंचने की संभावना है। इस पृष्ठभूमि में भारत में संपत्ति प्रबंधन का कारोबार अगले पांच साल मं सालाना 12-15 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है।
साथ ही अभी काफी एचएनआई अनौपचारिक चैनल से सलाह लेते हैं, जो बड़ी संगठित कंपनियों का रुख कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति प्रबंधन कारोबार में प्राइवेट इक्विटी निवेशकों की काफी दिलचस्पी देखने को मिली है।
उदाहरण के लिए ब्लैकस्टोन समूह ने पिछले साल एएसके इन्वेस्टमेंट की 71 फीसदी हिस्सेदारी ली जबकि बेन कैपिटल के पास 360 वन का एक चौथाई स्वामित्व है।
अभी एशियाई इन्वेस्टमेंट फर्म पीएजी के पास कंपनी की 57.2 फीसदी हिस्सेदारी, एडलवाइस के पास 13.7 फीसदी हिस्सेदारी और बाकी 29 फीसदी हिस्सेदारी आम शेयरधारकों के पास है।