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अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने से घबराए निवेशक, फिसला शेयर बाजार

Sensex इस साल 28 जून के बाद पहली बार इतने नीचे बंद हुआ और 21 जून के बाद से यह सबसे अधिक गिरावट है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- October 23, 2023 | 11:05 PM IST

Stock Market:अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड की यील्ड 16 साल में पहली बार 5 फीसदी के पार पहुंचने से मंदी की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों ने जोखिम कम करने के इरादे से आज जमकर बिकवाली की। इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। सेंसेक्स (Sensex) 826 अंक टूटकर 64,572 पर बंद हुआ। निफ्टी (Nifty) भी 261 अंक की गिरावट के साथ 19,281.2 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स इस साल 28 जून के बाद पहली बार इतने नीचे बंद हुआ और 21 जून के बाद से यह सबसे अधिक गिरावट है। निफ्टी भी 31 अगस्त के बाद पहली बार इतने नीचे बंद हुआ है और 13 मार्च के बाद से उसमें यह सबसे अधिक एक दिनी गिरावट है।

अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 5.01 फीसदी पर

10 साल अवधि के अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 5.01 फीसदी पर पहुंच गई, जो 18 जुलाई, 2007 के बाद का उच्चतम स्तर है। फेडरल रिजर्व ने सितंबर की बैठक में दरों में कटौती धीमे-धीमे होने की बात कही, जिसके बाद बॉन्ड चढ़े हुए हैं। हाल के हफ्तों में अमेरिका में वृहद आर्थिक आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था मजबूत होने की पुष्टि की है, जिससे ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची बने रहने की उम्मीद बढ़ गई है।

अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘जब लंबी अवधि के बॉन्ड की यील्ड बढ़ती है तो आम तौर पर मंदी आने का इशारा होता है। यही देखकर निवेशकों ने जोखिम कम करने के मकसद से बिकवाली की। मंगलवार को दशहरे पर बाजार बंद रहेंगे, इसलिए निवेशक ज्यादा सतर्क दिखे। अगर गाजा में हालात अनुकूल हुए तो बाजार चढ़ सकता है मगर तनाव बढ़ा तो बाजार पर भी इसकी मार पड़ेगी।’

निवेशकों की निगाहें इजरायल-हमास युद्ध पर

निवेशकों की निगाहें इजरायल-हमास युद्ध पर टिकी हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कहा कि पिछले दो हफ्ते में इजरायल के हमले में कम से कम 5,087 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर एकाएक हमला बोल दिया था, जिसके प्रतिशोध में इजरायल जवाबी कार्रवाई कर रहा है।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘दिलचस्प है कि देसी और विदेशी दोनों तरह के संस्थागत निवेशक आज शुद्ध लिवाल रहे फिर भी बाजार में गिरावट आई। इसका मतलब है कि खुदरा निवेशकों ने बड़े पैमाने पर बिकवाली की है। निवेशक इजरायल-हमास विवाद और इसके असर से चिंतित हैं। बॉन्ड यील्ड में तेजी से उनकी घबराहट और बढ़ रही है।’

स्टॉक एक्सचेंजों के अंतरिम आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 252 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और देसी संस्थागत निवेशकों ने 1,112 करोड़ रुपये की लिवाली की। निफ्टी मिडकैप में 2.6 फीसदी और स्मॉलकैप में 3.6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।

बाजार में जारी रह सकता है उठापटक 

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘हमें लगता है कि वैश्विक अनिश्चितता के मद्देनजर बाजार में उठापटक जारी रह सकता है। निवेशकों को मूल्यांकन के लिहाज से सहज दायरे में रहने वाले लार्ज कैप शेयरों पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।’

First Published : October 23, 2023 | 10:51 PM IST