कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) ने कहा है कि शेयर कीमतों में हालिया तेजी के बाद भारतीय इक्विटी बाजार में एकीकरण का दौर नजर आ सकता है। नोट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों में महंगा मूल्यांकन बढ़त को सीमित कर देगा। इसके साथ ही व्यवहारिक आर्थिक हालात, उपभोग के क्षेत्र में मुनाफा व वॉल्यूम में सुधार और मध्यम अवधि के लिहाज से भारत की बेहतर स्थिति गिरावट को संरक्षण दे सकती है।
नोट में कहा गया है, महंगे मूल्यांकन और विभिन्न क्षेत्रों में जोखिम वाले संभावित अवरोध के कारण हमें बाजार में कमाई के सीमित मौके दिख रहे हैं, जो कम लाभ आदि के तौर पर परिलक्षित हो सकता है।
ब्रोकरेज ने कहा कि पर्याप्त सकारात्मक चीजें और संभावित नकारात्मकता अगले कुछ महीने में एक दूसरे की भरपाई कर सकती है। 19,980 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद निफ्टी एकीकरण के दौर में चला गया है।
50 शेयरों वाला इंडेक्स आखिरी बार 19,465 पर बंद हुआ। नोट में कहा गया है कि बाजारों की आदत नकारात्मक रूप से चौंकाने की होती है और जोखिम कहीं से भी उभर सकता है।
नोट में कहा गया है, भारतीय बाजार के मौजूदा मूल्यांकन ने मोटे तौर पर अल्पावधि व मध्यम अवधि के ज्यादातर सकारात्मक चीजों को समाहित कर लिया है, लेकिन उपभोग वाले अहम क्षेत्रों व शेयरों में कम लाभ आदि की मध्यम अवधि की चुनौतियों और अल्पावधि के अनाम जोखिम को समाहित नहीं किया है। दूसर शब्दों में, मौजूदा मूल्यांकन में सुरक्षा नहीं है और कोई अहम नकारात्मक खबर शेयर कीमतों में बड़ी व तेज गिरावट ला सकती है।
ब्रोकरेज ने कहा कि भारतीय बाजार को अगली दो-तीन तिमाहियों में स्थित वैश्विक दरों से सहारा मिल सकता है क्योंकि अमेरिका में मुख्य महंगाई काफी घटी है व विकसित अर्थव्यवस्थाओं में भी ऐसी ही गिरावट की उम्मीद है।
हालांकि दरों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने का दौर अनिश्चित बना हुआ है। नोट में कहा गया है, हमारी राय में केंद्रीय बैंक उचित अवधि तक दरों को उच्च स्तर पर बनाए रख सकते हैं। (डिस्क्लेमर : बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक समूह के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है)