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कंपनियों के Capex में आई कमी, लगातार दूसरी तिमाही में घटा कॉरपोरेट निवेश

ताजा निवेश में नरमी की वजह से संपूर्ण पूंजीगत खर्च और जीडीपी में कॉरपोरेट क्षेत्र के योगदान में बड़ी गिरावट आई है।

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कृष्ण कांत   
Last Updated- September 13, 2023 | 11:11 PM IST

भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र (सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम समेत) ने निवेश और पूंजीगत खर्च में नरमी दर्ज की है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​​शियल सर्विसेज के आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून अविध में कॉरपोरेट निवेश लगातार दूसरी तिमाही में घट गया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​​शियल सर्विसेज के नि​खिल गुप्ता और तनीषा लाढा ने देश में कॉरपोरेट निवेश पर तैयार की गई अपनी ताजा रिपोर्ट में लिखा है कि मार्च 2023 की तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले 0.5 प्रतिशत की गिरावट के बाद, कॉरपोरेट निवेश वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 6.2 प्रतिशत घटने का अनुमान है।

ताजा निवेश में नरमी की वजह से संपूर्ण पूंजीगत खर्च और जीडीपी में कॉरपोरेट क्षेत्र के योगदान में बड़ी गिरावट आई है। अर्थव्यवस्था में संपूर्ण निवेश या पूंजी निर्माण में कॉरपोरेट क्षेत्र की भागीदारी वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में घटकर 41.2 प्रतिशत रह गई, जो वित्त वर्ष 2023 में 43.9 प्रतिशत थी। वहीं कोविड-पूर्व औसत 51 प्रतिशत था।

कॉरपोरेट पूंजीगत खर्च में गिरावट सरकारी दावों के विपरीत है। हाल में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि निजी पूंजीगत खर्च चक्र लंबी सुस्त के बाद सुधरा है। उनके अनुसार, सरकारी पूंजीगत खर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निजी निवेश में बढ़ा है।

आरबीआई भी कॉरपोरेट पूंजीगत खर्च पर उत्साहित है। आरबीआई की ताजा रिपोर्ट ‘प्राइवेट कॉरपोरेट इन्वेस्टमेंट: परफॉरमेंस ऐंड नियर टर्म आउटलुक’ में कहा गया है, ‘निजी कंपनियों का निर्धारित पूंजी निवेश (बैंकों/एफआई द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के आधार पर) 2019-20 और 2020-21 के दौरान दर्ज की गई सुस्ती के बाद लगातार दूसरे वर्ष बढ़ा।’

First Published : September 13, 2023 | 11:11 PM IST