भारत का स्मार्टफोन आयात कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली तिमाही(जनवरी-मार्च) में सालाना आधार पर 19 प्रतिशत घटकर करीब 3.1 करोड़ इकाई रह गया। काउंटरपॉइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। यह लगातार तीसरी तिमाही की गिरावट होने के साथ-साथ देश के स्मार्टफोन बाजार में देखी गई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुस्त मांग, वर्ष 2022 के अधिक स्टॉक, रीफर्बिश्ड फोन के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती वरीयता और बाजार के निराशावादी चैनल दृष्टिकोण का इस गिरावट में योगदान रहा।
काउंटरपॉइंट की वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक शिल्पी जैन ने कहा कि हम उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव देख रहे हैं, मांग प्रचार अवधि के आसपास केंद्रित है। उन्होंने कहा कि चैनल के भागीदार नए मॉडलों का ताजा स्टॉक बनाने के बजाय, मौजूदा स्टॉक से छुटकारा पाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस तिमाही के दौरान 5जी स्मार्टफोन से उम्मीद की किरण दिखी है, जिसकी हिस्सेदारी 43 फीसदी तक पहुंच चुकी है, जो सालाना आधार पर 23 फीसदी की वृद्धि है क्योंकि उपभोक्ताओं ने अपने फोन अपग्रेड करके 5जी का रुख किया है। विश्लेषकों को अगली तिमाही में भी इसी तरह का चलन रहने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि 5जी की दिशा में तेजी से अपग्रेड, व्यापक आर्थिक दबाव में कमी और त्योहारी सीजन के कारण वर्ष की दूसरी छमाही में फिर से वृद्धि होने की उम्मीद है।
वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक प्राचीर सिंह के मुताबिक हर बीतती तिमाही के साथ ‘प्रीमियमाइजेशन’ का चलन मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10,000 रुपये से कम कीमत वाले वर्ग में पहली तिमाही के दौरान गिरावट जारी रही, इसके आयात में नौ प्रतिशत की गिरावट आई।