डिजिटल भुगतान कंपनियों – रेजरपे और कैशफ्री पेमेंट्स को बतौर भुगतान एग्रीगेटर काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अंतिम मंजूरी मिल गई है, जिससे फिनटेक क्षेत्र की ये कंपनियां लगभग एक साल पुराने नियामकीय प्रतिबंध के बाद नए व्यापारियों को शामिल कर सकेंगी।
कंपनियों ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को नियामक से भुगतान एग्रीगेटर (पीए) का लाइसेंस हासिल कर लिया है। कैशफ्री पेमेंट्स के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘नए व्यापारियों को अपने साथ जोड़ने पर लगा प्रतिबंध आज हटा लिया गया है।
कंपनी को आरबीआई से भुगतान एग्रीगेटर (पीए) लाइसेंस मिल गया है। कंपनी अब अपने पेमेंट गेटवे पर नए व्यापारियों को शामिल करेगी।’
पिछले साल दिसंबर में आरबीआई ने रेजरपे और कैशफ्री को कहा था कि वे नए व्यापारियों को अपने साथ जोड़ना रोक दें।
रेजरपे के प्रवक्ता ने कहा ‘अब हम अपने पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म पर नए कारोबारियों को शामिल करने के लिए तैयार हैं। रेजरपे को भुगतान निपटान अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अंतिम अधिकार मिल गया है। नया पीए लाइसेंस हासिल करने के बाद अब हम फिर से नए ग्राहक जोड़ना शुरू करेंगे और हम उन्हें अपने उद्योग-प्रथम भुगतान समाधान के साथ सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पेयू, Paytm, जस्पे जैसी अन्य भुगतान कंपनियों को अभी तक नए व्यापारियों को शामिल करने के लिए नियामक से मंजूरी नहीं मिली है।