एमेजॉन डॉट इन पर बिक्री के तरीके में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही रतनइंडिया एंटरप्राइजेज ऐसे प्राइवेट लेबल पेश करेगी जो डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर पेशकशों के तौर पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। रतनइंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई कोकोब्लू रिटेल इस साल एमेजॉन इंडिया पर सबसे बड़ी विक्रेताओं में से एक के तौर पर सामने आई है। कोकोब्लू रिटेल ने क्लाउडटेल के व्यवसाय में बड़ी सेंध लगाई है।
प्राइवेट लेबल ऐसे ब्रांड होते हैं जिन पर किसी रिटेलर का स्वामित्व तो होता है, लेकिन वे स्वयं उत्पाद नहीं बनाते बल्कि अपने लेबल के तहत निर्माता के जरिये इन्हें हासिल करते हैं।
क्लाउडटेल एन आर नारायण मूर्ति की कैटामारन एडवायजर्स के साथ एमेजॉन का संयुक्त उपक्रम है और यह पिछले साल तक एमेजॉन डॉटइन पर सबसे बड़ा विक्रेता था। लेकिन उसके पास कोई प्राइवेट लेबल नहीं था। एमेजॉन और पाटनी समूह के बीच संयुक्त उपक्रम अप्पेरियो एमेजॉन डॉटइन पर बड़ी विक्रेता है, लेकिन उसे जल्द ही इस प्लेटफॉर्म से अलग किया जाएगा। ऑनलाइन मार्केटप्लेस एमेजॉन इंडिया के सोलिमो और एमेजॉनबेसिक्स जैसे स्वयं के प्राइवेट लेबल हैं।
रतनइंडिया द्वारा प्राइवेट लेबलों की पेशकश की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी। इसके अलावा, यह मुख्य तौर पर विद्युत और इन्फ्रास्ट्रक्चर समूह की उपभोक्ता-केंद्रित व्यवसाय में बड़ा कदम भी होगा। रतनइंडिया एंटरप्राइजेज की अध्यक्ष (व्यवसाय) अंजलि रतन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘रतनइंडिया को उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्र में दांव के लिए तैयार करने के अगले महत्वपूर्ण कदम के तौर पर हम नियोब्रांड्स के तहत ब्रांड तैयार कर रहे हैं। इसकी शुरुआत के लिए हम फैशन और अपैरल में बड़ी तादाद में ब्रांड पेश करेंगे, जिनकी बिक्री एमेजॉन पर की जाएगी। इसके अलावा कई अन्य ऑनलाइन स्टोरों पर भी इनकी बिक्री होगी।’
खबरों में कहा गया है कि भारत का डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर बाजार तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2025 तक यह बढ़कर 100 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। इसमें, खासकर फैशन ब्रांडों का दबदबा है।
नियोब्रांड्स के तहत रतनइंडिया के प्राइवेट लेबल शामिल होंगे और यह समूह की अन्य पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई है। शुरू में ब्रांड की पेशकश अपैरल- फैशन, कैजुअलवियर और फिटनेस के क्षेत्रों में की जाएगी। इसमें समूह के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल कंपनी रिवोल्ट से जुड़े सामान भी होंगे।
समूह ने नियोब्रांड्स का दायरा बढ़ाने की योजना बनाई है। इसमें कई और उत्पाद शामिल किए जाएंगे। भारत में मिंत्रा के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी अनंत नारायणन के नेतृत्व में मेंसा ब्रांड्स ने यूनिकॉर्न का दर्जा पाने के प्रयास में हाउस ऑफ ब्रांड दृष्टिकोण अपनाया था। यूनिकॉर्न 1 अरब डॉलर से अधिक की स्टार्टअप वैल्यू वाली कंपनियों को कहा जाता है।