facebookmetapixel
BFSI Summit 2025: बीमा सेक्टर में दिख रहा अ​स्थिर संतुलन – अजय सेठरिलायंस और गूगल की बड़ी साझेदारी: जियो यूजर्स को 18 महीने फ्री मिलेगा एआई प्रो प्लानबीमा सुगम उद्योग को बदलने के लिए तैयार : विशेषज्ञअस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्यभारत की 4 कंपनियों को मिला चीन से ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ आयात लाइसेंस, वाहन उद्योग को मिलेगी राहतएआई से लैस उपकरण से बदला डिजिटल बैंकिंगमजबूत आईटी ढांचा सबके लिए जरूरी: अरुंधती भट्टाचार्यBFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञ

ग्रीन हाइड्रोजन मानक को अनिवार्य करने का प्रस्ताव, उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाने पर भी जोर

बीईई ने सुझाव दिया है कि तेल शोधन कंपनियों को हरित हाइड्रोजन बाध्यताएं पूरी करने के लिए 3 साल का वक्त दिया जाना चाहिए।

Last Updated- October 03, 2023 | 10:22 PM IST
IREDA Share Price: The company giving 750 percent return in 8 months will invest Rs 290 crore in Nepal, this is the plan IREDA Share Price: 8 महीने में 750 फीसदी का रिटर्न देने वाली कंपनी नेपाल में करेगी 290 करोड़ रुपये का निवेश, ये है प्लान

सरकार द्वारा संचालित ब्यूरो आफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) ने तेल रिफाइनरियों के लिए हरित हाइड्रोजन मानक अनिवार्य किए जाने का प्रस्ताव किया है। बीईई ने जोर दिया है कि 2030 तक सालाना उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाकर 50 लाख टन किया जाना चाहिए।

बीईई ने सुझाव दिया है कि तेल शोधन कंपनियों को हरित हाइड्रोजन बाध्यताएं पूरी करने के लिए 3 साल का वक्त दिया जाना चाहिए। बिजली मंत्रालय के तहत काम करने वाला बीईई हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की परियोजनाओं को प्रमाणित और पुष्ट करने, निगरानी एजेंसियों को अधिकृत करने की नोडल एजेंसी है।

बीईई ने सितंबर में हुई सातवीं सार्वजनिक सलाहकार समिति की बैठक के दौरान यह प्रस्ताव कियाहै। सूत्रों ने कहा कि इस बैठक के ब्योरे में कहा गया है, ‘हरित हाइड्रोजन की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए समिति का सुझाव है कि रिफाइनरीज को खपत की बाध्यता पूरी करने के लिए कम से कम 3 साल का वक्त दिया जाना चाहिए। ’

बीईई के महानिदेशक अभय बाकरे ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय रिफाइनरियों के बारे में फैसला करेगा। उन्होंने कहा, ‘यह अनिवार्य नहीं है। बाध्यता उपलब्ध कई विकल्पों में से एक हो सकती है। देश के लिए जो बेहतर होगा, रिफाइनरियां उस पर फैसला कर सकती हैं।’

First Published - October 3, 2023 | 9:43 PM IST

संबंधित पोस्ट