facebookmetapixel
T20 वर्ल्ड कप से पहले साझेदारी पर मुहर, ICC-JioStar ने दी सफाईIndia-US Trade Talks: अमेरिकी टीम ने भारत के डिजिटल डेटा सुरक्षा कानून और IT नियमों पर जताई चिंताइंडिगो संकट: DGCA ने 4 उड़ान निरीक्षकों को किया निलंबित, एयरलाइन ने इल्सन को स्वतंत्र समीक्षा के लिए नियुक्त कियाप्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को दी मंजूरीनोवो नॉर्डिस्क लाई डायबिटीज की नई दवा, शुरुआती 0.25 मिलीग्राम खुराक की कीमत 2,200 रुपये प्रति सप्ताहत्योहारी मांग और GST में कटौती से वाहनों की बिक्री में भारी बढ़ोतरी, नवंबर में ऑटो इंडस्ट्री ने बनाया रिकॉर्डमंजूरी में देरी और मजदूर संकट के बीच रियल्टी सेक्टर पर नई परियोजनाओं को समय से पूरा करने का दबावसोना-चांदी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड: चांदी पहली बार ₹2 लाख के पार, सोना भी ऐतिहासिक ऊंचाई पर2030 में खदानें नीलाम होने से बढ़ती अयस्क लागत से निपटने को टाटा स्टील बना रही नई रणनीतिRPG लाइफ साइंसेज का बड़ा कदम: तेजी से बढ़ते GLP-1 मार्केट में एंट्री की तैयारी में कंपनी

मुद्रास्फीति नरम पड़ने से निजी खपत में आई तेजी

Last Updated- March 07, 2023 | 7:21 PM IST
Inflation

कुछ उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों की बिक्री के आंकड़े पर नजर डालें तो पता चलता है कि वर्ष 2023 के पहले दो महीनों में भारत में निजी खपत पिछले साल की समान अव​धि के मुकाबले बढ़ी है।

कंपनियों के मुख्य कार्या​धिकारियों (सीईओ) का कहना है कि आगामी तिमाहियों के लिए परिदृश्य सकारात्मक है, क्योंकि जिंस कीमतों में कमजोरी आई है और ग्रामीण आय सुधरी है।
केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत खर्च वृद्धि को बढ़ावा दिए जाने से सीईओ इसे लेकर आशा​न्वित हैं कि आगामी महीनों में उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा।

पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ कैटेगरी प्रमुख मयंक शाह का कहना है, ‘खासकर ग्रामीण इलाकों में मांग में फिर से तेजी आई है, क्योंकि रबी फसल की कटाई होने लगी है। इस साल गेहूं की फसल अच्छी है। किसानों को गेहूं का अच्छा मूल्य मिलने की संभावना है, क्योंकि कीमतें ऊंची हैं। धारणा जनवरी से ही सकारात्मक बनी हुई है। हमने मांग में सुधार दर्ज किया है। मांग दीवाली के बाद प्रभावित हुई थी, लेकिन अब सुधार आया है।’

पहले दो महीनों के आंकड़े से मजबूत वाहन बिक्री, विद्युत खपत, और अन्य उपभोक्ता वस्तु बिक्री में तेजी आने का पता चलता है। केयर रेटिंग्स के विश्लेषकों का कहना है कि ग्रामीण-शहरी बेरोजगारी दर में कमी, उपभोक्ता विश्वास में सुधार, और मुद्रास्फीति नरम पड़ने की उम्मीदों से खपत को मदद मिली है।

मुख्य कार्या​धिकारियों का कहना है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में शहरी वृद्धि 8 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत, ग्रामीण वृद्धि 3 प्रतिशत से बढ़कर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई।

उनका कहना है कि भले ही बढ़ती कीमतों से उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं, लेकिन कीमतों में नरमी आने के संकेत दिखे हैं।

हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्या​धिकारी संजीव मेहता का कहना है, ‘2023 की पहली छमाही में, कीमत वृद्धि होगी, भले ही यह निचले स्तर पर रहेगी। इसलिए, मुद्रास्फीति की दर कम रहेगी। लेकिन हम अभी भी उस स्तर तक नहीं पहुंचे हैं, जहां हम यह कह सकें कि जिंस कीमतों में कमी आने लगी है।’ मेहता का कहना है अगले दो वर्ष की अव​धि में कीमत वृद्धि कम होगी, लेकिन बिक्री वृद्धि में सुधार आना शुरू होगा, बशर्ते कि कंपनियां कम जिंस कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को मुहैया कराएं।|

उनका कहना है, ‘हमें जिंस कीमतों में गिरावट के लिए प्रमुख कारक की जरूरत होगी। यदि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाता है तो जिंस कीमतों में गिरावट आएगी।’

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री वृद्धि बेहतर रहेगी। जब जिंस कीमतें नीचे आती हैं, तो हम बिक्री वृद्धि की रफ्तार मजबूत होने की उम्मीद कर सकते हैं।’

First Published - March 7, 2023 | 7:11 PM IST

संबंधित पोस्ट