आज का अखबार

FMCG फर्मों के मार्जिन पर दबाव, खाद्य कीमतों की महंगाई व कमजोर मॉनसून का पड़ा प्रभाव

ब्रोकरेज फर्म ने लार्जकैप में हिंदुस्तान यूनिलीवर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और मिडकैप में जाइडस वेलनेस तथा इमामी पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।

Published by
राम प्रसाद साहू   
Last Updated- September 17, 2023 | 10:34 PM IST

देश के कई हिस्सों में असमान बारिश और जिंस कीमतों में तेजी से एफएमसीजी कंपनियों की मांग और मार्जिन पर दबाव पड़ने की आशंका है। कई कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सकल मार्जिन में भारी वृद्धि दर्ज की, क्योंकि उन्हें कच्चे माल की कीमतों में नरमी और शुरुआती कीमत वृद्धि से मदद मिली।

इसके अलावा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि लागत बचत का असर भी भविष्य में बिक्री वृद्धि पर देखने को मिलेगा। हालांकि यदि खासकर ग्रामीण क्षेत्र में सुधार की रफ्तार थमती है और कच्चे माल के मोर्चे पर मिलने वाले फायदे में कमी आती है तो इन उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।

ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग का मानना है कि अगस्त के लिए, ग्रामीण बाजार में मांग ज्यादा नहीं सुधरी और इस पर सब्जियों तथा खाद्य कीमतों में महंगाई और कमजोर मॉनसून का प्रभाव पड़ा। प्रतिस्पर्धी तीव्रता डिटरजेंट और फूड्स जैसी श्रेणियों में असंगठित या क्षेत्रीय कंपनियों में ज्यादा बनी हुई है।

असमान बारिश और ग्रामीण धारणा पर पड़ने वाले उसके प्रभाव पर दलाल पथ की नजर बनी हुई है। जहां अगस्त में बारिश लॉन्ग-पीरियड एवरेज (एलपीए) से 36 प्रतिशत कम थी, वहीं जून से 14 सितंबर तक मौजूदा सीजन के लिए यह कमी 10 प्रतिशत है।

आनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में शोध विश्लेषक अजय ठाकुर का कहना है, ‘जहां कृषि पर ग्रामीण आय से जुड़ी निर्भरता घटी है, वहीं सामान्य मॉनसून से ग्रामीण धारणा और मांग को ताकत मिली है। इसके अलावा, ऊंची मुद्रास्फीति और कम अतिरिक्त खर्च योग्य आय की वजह से पिछले दो साल में ग्रामीण मांग नरम पड़ी है। खाद्य कीमतों में वृद्धि से खर्च योग्य अतिरिक्त आय तथा ग्रामीण मांग प्रभावित हो सकती है।’

ब्रोकरेज फर्म ने लार्जकैप में हिंदुस्तान यूनिलीवर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और मिडकैप में जाइडस वेलनेस तथा इमामी पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।

एचयूएल, इमामी, ब्रिटानिया, डाबर, आईटीसी और गोदरेज कंज्यूमर उन एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हैं जिन्हें अपनी बिक्री और राजस्व का बड़ा हिस्सा ग्रामीण सेगमेंट से हासिल होता है।

उपभोक्ता कंपनियों ने जून तिमाह में संकेत दिया था कि मुद्रास्फीति थमने की वजह से ग्रामीण मांग में कुछ सुधार आए हैं और वृद्धि को न्यून आधार से मदद मिल रही है।

आईआईएफएल रिसर्च का कहना है कि एक साल में सामान्य से कमजोर मॉनसून से प्रमुख अनाज उत्पादन पर प्रभाव के साथ मुद्रास्फीति में वृद्धि या एफएमसीजी वृद्धि में मंदी की संभावना नहीं है। ब्रोकरेज के अनुसार, हालांकि इससे उपभोक्ता धारणा प्रभावित हो सकती है, बिक्री वृद्धि में संभावित सुधार में विलंब हो सकता है।

भविष्य में अन्य चिंता मार्जिन पर प्रभाव से जुड़ी होगी, क्योंकि कीमत कटौती और विज्ञापन पर बढ़ते खर्च के बीच कच्चे माल की ऊंची कीमतों का मार्जिन पर प्रभाव पड़ा है। मौजूदा समय में 95 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहीं कच्चे तेल की कीमतें पिछले तीन महीने में 26 प्रतिशत तक चढ़ी हैं।

वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में जिंस और अन्य उत्पादों की कम कीमतों से एफएमसीजी कंपनियों को एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले सकल मार्जिन में 750 आधार अंक तक की वृद्धि दर्ज करने में मदद मिली।

ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग का मानना है कि अब इसमें बदलाव आ सकता है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने से पैकेजिंग, सोडा एश, लिनियर अल्काइलबेंजेन और टीटानियम डाइऑक्साइड की कीमतों में तेजी को बढ़ावा मिल रहा है जिससे सकल मार्जिन प्रभावित हो सकता है।

मौजूदा मूल्यांकन पर, ब्रोकरेज के पसंदीदा शेयर हैं गोदरेज कंज्यूमर और ज्योति लैबोरेटरीज। हालांकि कुछ ब्रोकरों का मानना है कि बढ़ती उत्पादन लागत का प्रभाव अल्पावधि के बजाय वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वित्त पर देखा जा सकता है।

नोमुरा रिसर्च के विश्लेष मिहिर पी शाह का कहना है, ‘जहां जिंसों की कीमतें मासिक आधार पर धीरे धीरे बढ़ी हैं, वहीं दूसरी तिमाही के लिए इनमें से कई अभी भी तिमाही तथा सालाना आधार, दोनों पर नरम हैं और इस वजह से वे सालाना आधार पर सकल मार्जिन सुधार में मददगार हैं।’

हालांकि जिंस कीमतें फिर से चढ़ने लगी हैं और इससे वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में मार्जिन अनुमानों को जोखिम पहुंच सकता है। ब्रोकरेज ने मजबूत क्रियान्वयन क्षमता वाली कंपनियों को पसंद किया है। उसके पसंदीदा शेयरों में गोदरेज कंज्यूमर, आईटीसी, एचयूएल और डाबर शामिल हैं।

First Published : September 17, 2023 | 10:34 PM IST