जकरबर्ग (Mark zuckerberg) या जैसा कि उनके करीबी दायरे के लोग उन्हें पुकारते हैं- जक, मझोली बुनावट और पीली रंगत वाले एक शख्स हैं जिनके छोटे-घुंघराले और भूरे बाल तथा नीली आंखें हैं। वह बमुश्किल पांच फुट आठ इंच के हैं लेकिन वह इससे लंबे दिखाई देते हैं क्योंकि वह हमेशा अपने सीने को उभारकर रखते हैं और उनकी पीठ बिल्कुल सीधी होती है। ऐसा लगता है मानो उन्हें किसी धागे के सहारे ताना गया है।
यह वह ब्योरा है जिसे लंबे लेखन में प्रवीण माने जाने वाले समाचार पत्र द न्यूयॉर्कर ने मेटा (पहले फेसबुक) कंपनी के प्रमुख के प्रोफाइल के रूप में 2010 में प्रकाशित किया था। इस प्रोफाइल को लिखने वाले जे एंटोनियो वर्गास को जकरबर्ग पर एक बार फिर नजर डालनी चाहिए।
जकरबर्ग का शरीर अब अधिक कसावट से भरा आता है नजर
जकरबर्ग का शरीर अब अधिक कसावट से भरा नजर आता है। उनका कद तो उतना ही है लेकिन उनकी छाती बाहर निकल आई है और चौड़े कंधों के साथ उनकी मांसपेशियां झलकती हैं। उनकी रीढ़ एकदम सीधी नजर आती है लेकिन उसकी वजह ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में ब्लूबेल्ट हासिल करना है। हम यह नहीं कह सकते हैं कि ये उनकी ईलॉन मस्क (Elon musk Vs Mark zuckerberg) के साथ केज फाइट की तैयारी है या नहीं। टेस्ला, ट्विटर और स्पेसएक्स के मालिक मस्क को हमने अब तक बिना कमीज के नहीं देखा है।
कनाडाई पहलवान और यूएफसी लड़ाका जॉर्जेस सेंट पियरे ने 3 जुलाई को ट्वीट किया कि उन्होंने तीन ऐसे व्यक्तियों के साथ प्रशिक्षण सत्र लिया जिनके वे बहुत बड़े प्रशंसक हैं। इन व्यक्तियों में तीसरा नाम मस्क का था। हम अनुमान लगा सकते हैं कि इस सत्र को निहायत ही गंभीरता के साथ अंजाम दिया गया होगा।
क्या मस्क और जकरबर्ग के बीच होगी केज फाइट ?
यूएफसी अर्थात अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप एक ऐसा मंच है जो टेक क्षेत्र के दोनों अरबपतियों के बीच मुकाबले की मेजबानी कर सकता है। उनकी केज फाइट होने की कोई गारंटी नहीं है लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर पर यकीन करें तो मस्क, जकरबर्ग और उनके सलाहकार इस दिशा में बढ़ रहे हैं।
गत 21 जून को मस्क ने टि्वटर पर जकरबर्ग को केज फाइट की चुनौती दी हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट के अंत में हंसने वाले चिह्न बनाए। यह मामला जल्दी ही गंभीर हो गया। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार मस्क की चुनौती के एक दिन बाद यूएफसी के प्रमुख डाना व्हाइट को जकरबर्ग का संदेश मिला कि क्या मस्क इसे लेकर गंभीर हैं?
जकरबर्ग ने पूछा, बताओ कहां आना है ?
व्हाइट ने मस्क से संपर्क करके यह सुनिश्चित किया कि वह वाकई इसके इच्छुक थे। इसके बाद जकरबर्ग ने मस्क द्वारा दी गई चुनौती का स्क्रीनशॉट अपने प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर किया और कहा कि वह उन्हें बताएं कि कहां आना है।
जनवरी 2014 में अमेरिका के विस्कॉनसिन विश्वविद्यालय के दो अर्थशास्त्रियों ने एक शोध पत्र जारी किया था जिसका शीर्षक था, ‘ब्यूटी इज वेल्थ: सीईओ अपयिरेंस ऐंड शेयरहोल्डर वैल्यू।’ इसमें उन्होंने 677 सीईओ के व्यक्तित्व के आकर्षण का आकलन किया।
पर्चे में कहा गया कि अंशधारकों ने अधिक आकर्षक नजर आने वाले सीईओ को अधिक मूल्यवान माना। ऐसे अन्य शोध भी हैं जो कहते हैं कि अच्छी देहयष्टि वाले सीईओ अधिक सक्षम माने जाते हैं और उन्हें बेहतर सौदे करने की क्षमता से संपन्न माना जाता है।
निश्चित तौर पर कई लोग मानते हैं कि जिंदगी के साथ-साथ कारोबार में भी शारीरिक सौंदर्य मायने रखता है। यानी सिर्फ पैदाइश ही नहीं बल्कि हमारा पहनावा, हमारी प्रस्तुति, बोलने का तरीका आदि सभी मायने रखते हैं। ऐसा कम ही होगा कि आपको किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का सीईओ बिना फॉर्मल जैके और टाई के नजर आए। कुछ भारतीय कंपनियों के सीईओ शायद पहनावे के मामले में कुछ छूट ले लेते हों लेकिन वे इस बात पर पूरा ध्यान देते हैं कि वे इस क्षेत्र में कितनी छूट ले सकते हैं। महिला सीईओ भी अपनी तरह से ऐसा ही करती हैं।
कुछ लोगों को कंपनी की पोशाक में ही गर्व महसूस होता है। मारुति सुजूकी के उच्च प्रबंधन के लोग कंपनी की पोशाक पहनना पसंद करते हैं। गर्मियों में वे कंपनी की आधी बाजू की कमीज और ठंड के दिनों में मोटी और साधारण जैकेट। कुछ सीईओ ऐसे होते हैं जिन्हें अपनी फिटनेस का प्रदर्शन करना पसंद आता है। मिसाल के तौर पर मैराथन दौड़ या साइक्लिंग क्षमता।
दूसरी ओर अधिकांश स्टार्टअप शुरू करने वालों को फॉर्मल जैकेट या टाई में नहीं देखा जाता। वे अक्सर स्टीव जॉब्स की शैली में जींस और टी-शर्ट में नजर आते हैं। मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूं जो गुड़गांव के जाड़ों में भी जींस और टी-शर्ट पहनता है और मेरे गर्म पहनावे का मजाक उड़ाता है। यहां तक कि मौद्रिक नीति की गंभीर दुनिया भी उस समय अत्यधिक उत्साहित नजर आई जब रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला। कई लोगों को वह इस काम के लिए एकदम सही व्यक्ति लगे क्योंकि उनका पहनावा शानदार था।
लोगों के दिखने, मुस्कान, उम्र, लिंग, आत्मविश्वास, चश्मे, जैकेट, जींस और टीशर्ट आदि से जुड़े उन मासूम दिनों के बाद से अब तक काफी समय बीत चुका है। स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स एक दूसरे पर नुक्ताचीनी करते हुए आगे बढ़ गए लेकिन अब तो बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है।
मस्क और जकरबर्ग की व्यक्तिगत संपदा बीते जमाने के सीईओ की तुलना में बहुत अधिक
मस्क और जकरबर्ग की व्यक्तिगत संपदा बीते जमाने के सीईओ की तुलना में बहुत अधिक है। यह अंतर केवल कुछ अरब डॉलर का नहीं है। यह ऐसा वक्त है जब लड़ाइयां मस्तिष्क में और अवधारणा के स्तर पर लड़ी जा रही हैं। ताजा मोर्चा जकरबर्ग ने ट्विटर के प्रतिद्वंद्वी के रूप में थ्रेड्स ऐप शुरू करके खोल दिया है।
मस्क को डर है कि इससे चीजें काफी हद तक जकरबर्ग के नियंत्रण में चली जाएंगी। वह व्हाट्सऐप को भी अविश्वसनीय करार दे चुके हैं। इससे पहले वह एक बार लोगों से फेसबुक को डिलीट करने को भी कह चुके हैं। उधर जकरबर्ग एक बार मस्क की यह कहते हुए सराहना कर चुके हैं कि उन्होंने ट्विटर को बेहतर बनाया है। परंतु वह केज फाइट की चुनौती से पीछे नहीं हट रहे हैं। दो भाइयों की कथा एक सावधान करने वाली कथा होनी चाहिए।
दोनों ने अपने-अपने पिता के अधीन कारोबार करना सीखा है। एक समय पर दोनों के पास लगभग एक जैसा कारोबारी साम्राज्य था। इनमें से एक एकदम फिट, भड़कीला और आकर्षक व्यक्ति था तो दूसरा अध्यावसायी, सादा और बड़ी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने वाला व्यक्ति था।