अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कमी लाने का सिलसिला शुरू होने की उम्मीद के बीच बेंचमार्क सूचकांकों में बुधवार को एक फीसदी की तेजी दर्ज हुई।
अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर के पीछे लौटने से भी इस आशावाद को बल मिला कि ब्याज दरों में अनुमान से पहले ही गिरावट शुरू हो सकती है। निफ्टी 207 अंक यानी 1.04 फीसदी चढ़कर 20,097 पर बंद हुआ। वहीं सेंसेक्स ने 723 अंक यानी 1.1 फीसदी की उछाल के साथ 66,092 पर कारोबार की समाप्ति की।
18 सितंबर के बाद पहली बार निफ्टी 20,000 के ऊपर बंद हुआ। इस बढ़त के बाद निफ्टी ने इस महीने अब तक की बढ़त को 5.33 फीसदी पर पहुंचा दिया और जुलाई 2022 के बाद यह सबसे बड़ी मासिक बढ़त की ओर अग्रसर हो रहा है क्योंकि तब इसमें 8.7 फीसदी की उछाल आई थी। नई रिकॉर्ड ऊंचाई से निफ्टी 96 अंक पीछे है। निफ्टी 15 सितंबर को अब तक के सर्वोच्च स्तर 20,192 पर बंद हुआ था।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल घटकर 4.3 फीसदी के नीचे आना और डॉलर इंडेक्स का 103 के नीचे आना इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक है। साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई)भी बदली हुई वास्तविकता के कारण खरीदार बन गए हैं।
अक्टूबर में 5 फीसदी तक चढ़ने के बाद 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल इस महीने नीचे आया है क्योंकि अमेरिकी उपभोक्ता महंगाई में गिरावट आई है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने ब्याज दरों में कमी का संकेत दिया है।
मंगलवार को फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर ने कहा था, मेरा भरोसा और मजबूत हो रहा है कि महंगाई को नियंत्रण में लाने की नीति कारगर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है, अगर अगले तीन से पांच महीने में महंगाई में लगातार नरमी आते रहेगी।
अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में नरमी के बीच एफपीआई का निवेश सकारात्मक हो गया। नवंबर में अब तक उन्होंने शुद्ध रूप से 5,192 करोड़ रुपये का निवेश किया है जबकि अक्टूबर में उनकी निकासी 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये रही थी।
एक्सचेंजों के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि बुधवार को एफआईआई का शुद्ध निवेश 72 करोड़ रुपये रहा। देसी संस्थागत निवेशकों ने पिछले सत्र में 2,361 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जो नवंबर में एक दिन की खरीद का सर्वोच्च आंकड़ा है।
विदेशी निवेश में मजबूती आ सकती है क्योंकि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स का पुनर्संतुलन गुरुवार से प्रभावी हो रहा है। भारत को 1.5 अरब डॉलर का पैसिव निवेश मिल सकता है क्योंकि एमएससीआई ईएम इंडेक्स में नौ नए शेयर शामिल किए गए हैं, जिनमें इंडसइंड बैंक, सुजलॉन एनर्जी और पेटीएम के नाम गिनाए जा सकते हैं।
राज्यों में हुए चुनाव के एग्जिट पोल गुरुवार शाम आने के कारण दिन में बाजारों में उतारचढ़ाव रह सकता है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, डेरिवेटिव का एक्सपायरी और शाम को एग्जिट पोल के नतीजे आने के कारण 30 नवंबर को बाजारों में कुछ घबराहट देखने को मिल सकती है।
बुधवार को निफ्टी में शामिल 50 में से 40 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए जबकि सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज हुई। निफ्टी व सेंसेक्स में ऐक्सिस बैंक में सबसे ज्यादा 3.9 फीसदी चढ़ा, वहीं महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 3.4 फीसदी, विप्रो में 2.4 फीसदी और टाटा मोटर्स में 2.1 फीसदी का इजाफा हुआ।
व्यापक बाजार का इंडेक्स निफ्टी 500 बुधवार को 0.9 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.8 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में करीब एक फीसदी की उछाल दर्ज हुई।