राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 24) में घरेलू बाजार से हरित बॉन्ड के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। यह नाबार्ड का वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही में कुल 30-35,000 करोड़ रुपये जुटाने का हिस्सा होगा।
नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी ने कहा कि संगठन वित्त वर्ष 24 के अंत तक हरित बॉन्ड को सूचीबद्ध करने के रास्ते पर बढ़ रहा है। इसका दस्तावेजीकरण करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि पारदर्शिता कायम रहे।
उन्होंने एक्सचेंज में सामाजिक बॉन्ड्स के सूचीबद्ध होने के कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार सामाजिक और हरित बॉन्डों पर निवेशकों के लिए प्रोत्साहन लाने पर विचार कर सकती है। इस सप्ताह की शुरुआत में 7.63 प्रतिशत के कूपन पर पांच साल की परिवक्वता अवधि के लिए 1,040 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इसका बेस इश्यू आकार 1,000 करोड़ रुपये है।
वित्त वर्ष 23 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 47,965.8 करोड़ रुपये के नए इश्यू भी जारी किए गए थे जबकि वित्त वर्ष 23 में 34,110 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड भुनाए गए थे। बॉन्ड्स का बकाया 1,21,147.8 करोड़ रुपये था जबकि यह 31 मार्च, 2022 को 1,07,292 करोड़ रुपये था। लिहाजा 12.9 प्रतिशत वृद्धि का संकेत मिलता है।
शाहजी ने विदेशी बाजार में बॉन्ड जारी करने के बारे में कहा कि घरेलू बाजार में जरूरत के लिए पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध है। इसके अलावा संस्थान को विदेशी बाजार से धन जुटाने की स्थिति में आने वाली कुल लागत पर भी ध्यान देना होता है।
नाबार्ड वैश्विक निवेशकों से धन जुटाने पर की योजना पर भी काम कर रहा है। इस क्रम में बहुपक्षीय संस्थानों जैसे एशियाई विकास बैंक से धन जुटाने के बारे में भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान खुदरा निवेशकों को बॉन्ड जारी करने पर भी विचार कर रहा था जिसके लिए अतिरिक्त अनुपालन पर काम करना होगा।