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भूराजनीतिक तनाव में राहत से बाजारों में दूसरे दिन भी बढ़त

इजरायल-ईरान तनाव और अमेरिका में ब्याज दर कटौती में देरी के बीच पिछले हफ्ते दोनों सूचकांक तीन हफ्तों में पहली बार लाल निशान के साथ बंद हुए थे।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- April 22, 2024 | 10:04 PM IST

Stock Market: बेंचमार्क सूचकांकों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन बढ़त दर्ज हुई क्योंकि इस हफ्ते बाजार का ध्यान पश्चिम एशिया के तनाव से हटकर कंपनियों की आय की ओर हो गया। सेंसेक्स (Sensex) 560 अंक चढ़कर 73,649 पर बंद हुआ, वहीं दूसरी ओर निफ्टी (Nifty) ने 189 अंकों की बढ़त के साथ 22,336 पर कारोबार की समाप्ति की।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की 2,915 करोड़ रुपये की बिकवाली के बावजूद सूचकांकों में बढ़ोतरी हुई। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,543 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। बीएसई (BSE) में सूचीबद्ध शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.4 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 398 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

इजरायल-ईरान तनाव और अमेरिका में ब्याज दर कटौती में देरी के बीच पिछले हफ्ते दोनों सूचकांक तीन हफ्तों में पहली बार लाल निशान के साथ बंद हुए थे। सेंसेक्स 1.6 फीसदी टूटा था जबकि निफ्टी में 1.7 फीसदी की गिरावट आई थी। ब्रेंट क्रूड की कीमतें नरम होकर करीब 87 डॉलर प्रति बैरल रह गई जो पिछले हफ्ते 90 डॉलर प्रति बैरल थीं।

पिछले दो कारोबारी सत्रों में हुई बढ़ोतरी को विश्लेषकों ने रिकवरी रैली का नाम दिया क्योंकि निवेशक अस्थायी तौर पर भूराजनीतिक मसलों से उबरे और उन्होंने अपना ध्यान आय और आर्थिक फंडामेंटल पर केंद्रित किया। एफपीआई की 18,600 करोड़ रुपये की बिकवाली के बीच पिछले चार कारोबारी सत्रों में बेंचमार्क सूचकांकों में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी।

अमेरिका के कई आंकड़ों ने पहली ब्याज कटौती की संभावना पर असर डाला। लिहाजा पिछले हफ्ते निवेशक अपने दांव पर दोबारा विचार करने को बाध्य हुए। सोमवार को ज्यादातर वैश्विक इक्विटी में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर सामान्य मॉनसून की उम्मीद और अनुमान से ज्यादा प्रत्यक्ष कर संग्रह ने बाजार के मनोबल में इजाफा किया है। इस खबर के बाद कि अगर सरकार न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के अनुपालन के लिए नई पूंजी जुटाने में नाकाम रहती है तो वह पांच सार्वजनिक बैंकों में अल्पांश हिस्सेदारी बेच सकती है, पीएसयू बैंकों में खरीदारी देखने को मिली। उनके अनुसार जैसे जैसे नतीजों की घोषणा होती जाएंगी, शेयर विशेष में हलचल देखने को मिल सकती है।

तेजी के बावजूद जोखिम वाली परिसंपत्तियों को लेकर निवेशक चौकसी बरत रहे हैं। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड थोड़ा बढ़ा और यह 4.6 फीसदी पर कारोबार कर रहा था।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रिकवरी सभी क्षेत्रों में हुई और यह व्यापक थी। मिड व स्मॉलकैप में फिर से दिलचस्पी नजर आई। सोने व तेल की कीमतों में कुछ राहत दिखी, लेकिन ये अभी भी ऊंचे स्तर पर हैं।

महंगाई के बने रहने और मजबूत आर्थिक आंकड़ों के कारण अमेरिकी फेड की टिप्पणी के बाद बॉन्ड प्रतिफल में इजाफा हुआ। ऊंची ब्याज दरों का मौजूदा माहौल अनुमान से ज्यादा समय तक बने रहने की संभावना है। इसके साथ ही आय वृद्धि में नरमी बताती है कि अल्पावधि में एकीकरण जारी रहेगा।

कारोबारी आगे के संकेतों के लिए अब अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों और भारत व विदेश में कंपनियों की आय को ट्रैक कर रहे हैं। बाजार में चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 2,599 शेयर चढ़े जबकि 1,310 में गिरावट आई।

आईसीआईसीआई बैंक में 1.9 फीसदी का इजाफा हुआ और सेंसेक्स की बढ़त में इसने सबसे बड़ा योगदान किया। इसके बाद लार्सन ऐंड टुब्रो का स्थान रहा जिसमें 2.7 फीसदी का इजाफा हुआ।

First Published : April 22, 2024 | 9:58 PM IST