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जनरल मोटर्स तालेगांव के कर्मचारियों के संग ‘मजबूती’ के साथ खड़ी है सरकार: महाराष्ट्र CM शिंदे

अगस्त में ह्युंडै ने महाराष्ट्र के तलेगांव में जीएमआई के संयंत्र की भूमि, भवन, कुछ मशीनरी और विनिर्माण उपकरण हासिल करने के लिए उसके साथ खरीद समझौता किया था।

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सोहिनी दास   
Last Updated- October 18, 2023 | 10:25 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह पुणे के पास तलेगांव में बंद पड़े जनरल मोटर्स इंडिया (General Motors India) के संयंत्र के श्रमिकों के साथ ‘दृढ़तापूर्वक’ खड़े हुई है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने कहा है कि ह्युंडै मोटर इंडिया (एचएमआईएल) के साथ इस संबंध में लगातार ताजा स्थिति पर नजर रखी जाएगी, जिसने मजदूरों के लिए रोजगार के अवसरों के वास्ते जीएम के साथ खरीद समझौता किया हुआ है।

अगस्त में ह्युंडै ने महाराष्ट्र के तलेगांव में जीएमआई के संयंत्र की भूमि, भवन, कुछ मशीनरी और विनिर्माण उपकरण हासिल करने के लिए उसके साथ खरीद समझौता किया था। उसकी योजना वहां वर्ष 2025 तक उत्पादन शुरू करने की है।

शिंदे ने हितधारकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि जीएमआई द्वारा श्रमिकों को संतोषजनक मुआवजा दिया जाना चाहिए और कुछ श्रमिकों को एचएमआईएल द्वारा काम पर रखा जाना चाहिए। ह्युंडै (Hyundai) ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की।

मंगलवार को मलाबार हिल्स स्थित मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा बंगला’ में बैठक आयोजित की गई। बैठक में उद्योग मंत्री उदय सामंत, श्रम मंत्री सुरेश खाड़े, श्रम विभाग की प्रमुख सचिव विनीता वेद सिंघल, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव हर्षदीप कांबले, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विपिन शर्मा के साथ-साथ जीएमआई के वरिष्ठ अधिकारी, श्रमिक संगठनों के अधिकारियों और श्रमिकों आदि ने हिस्सा लिया।

जीएमआई तलेगांव संयंत्र के 1,578 कर्मचारियों में से लगभग 696 कर्मचारियों ने कंपनी द्वारा दिया गया मुआवजा स्वीकार करने के बाद स्वेच्छा से अपनी नौकरी छोड़ दी है।

मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग 

बाकी कर्मचारियों की मांग है कि मुआवजे में बढ़ोतरी की जाए और उनमें से कुछ को ह्युंडै द्वारा काम पर रखा जाए। सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जनरल मोटर्स प्रबंधन को शेष श्रमिकों की बढ़ी हुई मुआवजे की मांग पर पुनर्विचार करना चाहिए।

इस बयान में कहा गया है कि ह्युंडै इस परियोजना को वर्ष 2025 में शुरू करेगी। यह परियोजना शुरू करने के लिए सरकारी स्तर पर पूरा सहयोग दिया जाएगा। यह परियोजना रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध कराएगी। इसलिए मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि जरूरी अनुवर्ती कार्रवाई और प्रयास किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जिन श्रमिकों ने मुआवजा स्वीकार नहीं किया है तथा कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों को प्राथमिकता के आधार पर सेवा में लिया जाए।

जब बिजनेस स्टैंडर्ड ने अगस्त में तलेगांव का दौरा किया था, तो श्रमिकों ने कहा था कि वे एचएमआईएल में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं।

अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर जनरल मोटर्स कर्मचारी संघ के एक सदस्य ने कहा कि हमें इस बात की उम्मीद है कि बंबई उच्च न्यायालय श्रमिकों के स्थानांतरण मसले को निपटाए बिना ह्युंडै को परिसंपत्ति बिक्री को चुनौती देने वाली हमारी याचिका पर जल्द ही विचार करेगा। हमने कानूनी सलाह मांगी है, राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत की है और अपना नजरिया पेश किया है। हमें विश्वास है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।

एक अन्य कर्मचारी ने जोर देकर कहा कि हम मुसीबत पैदा करने वाले नहीं हैं। हम मेहनतकश श्रमिक हैं, जो संयंत्र का अधिग्रहण करने वाले किसी भी पक्ष से अपना हित चाहते हैं। इस कर्मचारी की आवाज में हताशा का संकेत दिख रहा था।

जीएम तलेगांव के पूर्व कर्मचारियों में से 35 वर्ष की औसत आयु वाले लगभग 900 कर्मचारियों में से अधिकांश कर्मचारी नौकरी के अवसर कम होने की वजह से बढ़ते दबाव से जूझ रहे हैं। एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि औसत वेतन लगभग 50,000 रुपये प्रति माह है। पिंपरी-चिंचवाड़ और तलेगांव के पड़ोसी इलाकों में लगभग दो दशकों के अनुभव वाले कर्मचारी प्रति माह औसतन लगभग 90,000 रुपये कमाते हैं।

First Published : October 18, 2023 | 9:42 PM IST