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Louis Dreyfus की नजर कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पर

मित्तल ने कहा कि वर्तमान में कंपनी का ध्यान खुद का काफी हल्का विस्तार करने की अपेक्षा उन क्षेत्रों पर काम करने पर है, जिनमें वह मौजूद है।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- December 15, 2023 | 10:23 PM IST

दुनिया भर में कृषि वस्तुओं के अग्रणी व्यापारियों और प्रसंस्करणकर्ताओं में शामिल लुइस ड्रेफस (Louis Dreyfus) अपनी शाखा लुइस ड्रेफस कंपनी वेंचर्स (एलडीसी वेंचर्स) के जरिये भारत में अपनी भागीदारी गहरी करने पर विचार करेगी। लुइस ड्रेफस कंपनी (एलडीसी) इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी सुमीत मित्तल ने यह जानकारी दी है।

लुइस ड्रेफस कंपनी वेंचर्स (एलडीसी वेंचर्स) की स्थापना साल 2020 में की गई थी। इसका उद्देश्य वृद्धि के उत्प्रेरक के रूप में नवोन्मेष पर रणनीतिक रूप से ध्यान केंद्रित करना और सही उत्पाद को सही स्थान पर, सही समय पर सुरक्षित, विश्वसनीय और जिम्मेदारी से लाने में सक्षम बनाना था।

जून में एलडीसी वेंचर्स ने भारत स्थित कृषि-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की उद्यम पूंजी फर्म ओम्निवोर में रणनीतिक निवेश किया था, जो भारत में कृषि और खाद्य प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाने वाली कंपनियों में निवेश करने के लिए समर्पित है।

इस निवेश के जरिये एलडीसी वेंचर्स का लक्ष्य कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सक्षम भारतीय कंपनियों तक पहुंच प्राप्त करते हुए भारतीय उद्यम पूंजी तंत्र में अपने दायरे का विस्तार करना है। यह निवेश देश और वैश्विक स्तर पर एलडीसी की व्यापक वृद्धि रणनीति के अनुरूप है।

देश में जिंस के कारोबारी विस्तार की योजना के संबंध में मित्तल ने कहा कि वर्तमान में कंपनी का ध्यान खुद का काफी हल्का विस्तार करने की अपेक्षा उन क्षेत्रों पर काम करने पर है, जिनमें वह मौजूद है।

मित्तल ने कहा ‘हम वैश्विक स्तर पर और साथ ही साथ भारत में भी कई मसलों का सामना कर कर रहे हैं और हमें अपनी प्रणाली मजबूत करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम जो आज कर रहे हैं, वह 10 साल बाद स्थायी असर छोड़े।’

मित्तल ने कहा कि एलडीसी का मानना है कि देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और व्यपारिक रोक उसके व्यापार को प्रभावित करते हैं। वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से उपजे कई कारक कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे बढ़ती आबादी को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन कठिन हो रहा है। साथ ही इसके परिणामस्वरूप कई बार खाद्य कीमतें और खाद्य असुरक्षा बढ़ जाती है।

First Published : December 15, 2023 | 10:19 PM IST