सरकार के स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सोमवार को अपनी सहायक इकाई एलआईसी म्युचुअल फंड ऐसेट मैनेजमेंट में 25 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी लगाने की घोषणा की।
देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी ने एक्सचेंजों को बताया, ‘एलआईसी के बोर्ड ने सोमवार को अपनी बैठक
में एलआईसी म्युचुअल फंड ऐसेट मैनेजमेंट में तरजीही आधार पर 25 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी लगाने को मंजूरी दी।’
मौजूदा समय में परिसंपत्ति प्रबंधक फर्म में एलआईसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एलआईसी एमएफ में एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस और जीआईसी हाउसिंग फाइनैंस की 35.3 प्रतिशत और 15.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) के संदर्भ में एलआईसी एमएफ 23वें पायदान पर है। सितंबर 2023 की तिमाही में, फंड हाउस की औसत एयूएम 24,257 करोड़ रुपये थीं।
जुलाई 2023 में एलआईसी एमएफ ने आईडीबीआई म्युचुअल फंड का अधिग्रहण पूरा किया। नियामकीय बदलावों की वजह से यह अधिग्रहण किया गया था। एमएफ नियमों के तहत किसी एक प्रवर्तक को दो परसिपंत्ति प्रबंधन कंपनियों में 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी रखने की अनुमति नहीं है।
आईडीबीआई एमएफ के पैतृक आईडीबीआई बैंक पर पिछले कुछ वर्षों से एलआईसी का बहुलांश स्वामित्व है। मीडिया खबरों में कहा गया है कि फंड हाउस ने टॉप-10 रैंकिंग में शामिल होने के लिए अपनी एयूएम कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उसने अपनी कुल एयूएम में इक्विटी फंडों की भागीदारी बढ़ाने की भी योजना बनाई है।
अक्टूबर के अंत में, ऐक्टिव डेट योजनाओं का फंड हाउस की कुल एयूएम में 49 प्रतिशत योगदान था। ज्यादा प्रतिफल वाली इक्विटी परिसंपत्तियों की बढ़ती भागीदारी से परिसंपत्ति प्रबंधक का राजस्व और मुनाफा बढ़ सकता है।
इक्विटी योजनाएं डेट विकल्पों के मुकाबले टोटल एक्सपेंस रेशियो (टीईआर) ज्यादा लगा सकती हैं। टीईआर किसी फंड के प्रबंधन एवं परिचालन से जुड़ी लागत होती है।
एलआईसी का शेयर (LIC Share Price) सोमवार को एनएसई पर 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 770 रुपये पर बंद हुआ।