जीप इंडिया (Jeep India) को अपने मौजूदा मॉडलों के नए किफायती संस्करणों की बदौलत अपनी मासिक बिक्री दोगुनी होकर 1,000 वाहन तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस बीच यह प्रतिष्ठित ब्रांड, जो अब स्टेलैंटिस ग्रुप का एक हिस्सा है, भारत के अपने मॉडलों के लिए पेट्रोल इंजन पर भी विचार कर रहा है। इसमें जीप कंपस, मेरिडियन, ग्रैंड चेरोकी और रैंगलर शामिल हैं।
दरअसल भारत उत्तरी अमेरिका के बाहर जीप ब्रांड के लिए स्थानीय स्तर पर चार मॉडलों का निर्माण करने वाला और दुनिया के अन्य राइट-हैंड-ड्राइव वाले बाजारों में निर्यात करने वाला पहला देश है। जीप ब्रांड वैश्विक स्तर पर अग्रणी वाहन निर्माता स्टेलैंटिस द्वारा पेश किए जाने वाले पोर्टफोलियो का हिस्सा है।
स्टेलैंटिस इंडिया के जीप इंडिया परिचालन के प्रमुख और उप प्रबंध निदेशक आदित्य जयराज ने कहा कि डीजल से पेट्रोल की ओर स्थानांतरण मुख्य रूप से नियमों और इसके परिणामस्वरूप ग्राहकों की प्राथमिकताओं के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे भारत में पूरे जीप के सभी मॉडलों के लिए पेट्रोल इंजन लाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि जयराज ने इसके लिए समयसीमा नहीं बताई, लेकिन उन्होंने कहा कि ये इंजन देश में ही बनाए जाएंगे।
फिलहाल जीप चेरोकी और रैंगलर में पेट्रोल का विकल्प है। उन्होंने कहा ‘हम शेष मॉडलों के लिए भी पेट्रोल पावरट्रेन का मूल्यांकन कर रहे हैं। हमें प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए स्थानीय स्तर पर निर्माण करना होगा।’
स्टेलैंटिस के पास वैश्विक स्तर पर कई पावरट्रेन हैं और उनमें से एक पर भारत के लिए विचार किया जा सकता है। फिलहाल टाटा हैरियर और एमजी हेक्टर जीप के यहां निर्मित डीजल इंजन का उपयोग करती हैं।
इस बीच स्टेलैंटिस पहले ही यह संकेत दे चुकी है कि वह भारतीय बाजार में फिर से फिएट को पेश करने पर विचार कर रही है। स्टेलैंटिस के ब्रांडों में अबार्थ, अल्फा रोमियो, क्राइसलर, सित्रां, डॉज, डीएस ऑटोमोबाइल्स, फिएट, जीप, लैंसिया, मासेराती, ओपल, प्यूजो, रैम, वॉक्सहॉल वैगरह शामिल हैं।
शनिवार को जीप इंडिया ने जीप कंपस 4X2 पेश की है, जिसकी शुरुआती कीमत 20.49 लाख रुपये और ऑटोमैटिक मॉडल के दाम 23.99 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हैं। पिछले कुछ महीने के दौरान जीप कम्पास की बिक्री में गिरावट आई है। हर महीने इसकी 300 से भी कम बिक्री हो रही है। जीप की पूरी श्रृंखला में मोटे तौर पर हर महीने तकरीबन 500 गाड़िया बिक रही हैं।
जयराज ने स्वीकार किया कि बिक्री की कुल संख्या में कमी आई है। लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि अगली तिमाही से बिक्री इसका औसत बढ़कर प्रति मास 1,000 वाहन हो जाएगा। बिक्री बढ़ाने के लिए जीप कम्पास के लिए ब्लैकशार्क और मेरिडियन के लिए ओवरलैंड जैसे विशेष संस्करण भी ला रही है।
कंपनी ने रंजनगांव संयंत्र में अपने उत्पादन की योजना बनाई है, जो भारतीय बाजार और निर्यात मांग को पूरा करने के लिए सालाना लगभग 25,000 जीप कारों का निर्माण करता है।