एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल (पीई-वीसी) निवेश की हिस्सेदारी एक ही साल में 15 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई है। चीन-प्लस-वन की प्रतिकूल परिस्थिति और भारत की व्यापक मजबूती ने इसे निवेश के लिए उज्ज्वल स्थल बना दिया।
क्षेत्र में पूंजी प्रवाह में गिरावट के बीच ऐसा हुआ है। भारत में वैश्विक स्तर पर निजी इक्विटी के लिए परेशानी वाले साल में 61.6 अरब का निवेश नजर आया है, जिसमें पिछले साल के 69.8 अरब डॉलर के शीर्ष मूल्य के मुकाबले 12 प्रतिशत की कुछ कमी आई है। इंडियन वेंचर ऐंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन के साथ सहयोग से सलाहकार फर्म बेन ऐंड कंपनी द्वारा जारी ‘इंडिया प्राइवेट इक्विटी रिपोर्ट 2022’ से यह जानकारी मिली है। 2,000 से अधिक सौदों के साथ पिछले वर्षों का मजबूत सौदा प्रवाह जारी रहा। बीएफएसआई, स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा और विनिर्माण के नेतृत्व में पारंपरिक क्षेत्रों ने अनुकूल प्रदर्शन किया और दमदार घरेलू उपभोक्ता धारणा की मदद से 50 प्रतिशत तक बढ़कर 28 अरब डॉलर हो गया। स्वच्छ ऊर्जा में निवेश और ईवी में तेजी की वजह से ईएसजी इस साल प्रमुख विषय के रूप में उभरा। हालांकि उपभोक्ता तकनीक और आईटी/आईटीईएस खंड जैसे क्षेत्रों में गिरावट देखी गई, लेकिन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के निवेशकों के लिए यह उल्लेखनीय वर्ष रहा।
बेन ऐंड कंपनी के साझेदार और रिपोर्ट के सह-लेखक अर्पण शेठ ने कहा कि निकट अवधि की वैश्विक मंदी के बावजूद भारतीय बाजार की दीर्घकालिक संभावनाएं आशावान बनी हुई हैं।