भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के चेयरमैन देवाशिष पांडा ने बुधवार को कहा कि वर्तमान समय में बीमा कंपनियों को पूंजी का आधार तेजी से बढ़ाना चाहिए। इसे हालिया स्तर की तुलना तेजी से बढ़ाया जाए। लिहाजा इन कंपनियों को पूंजी का आधार बढ़ाने के लिए बोर्ड से संपर्क करना चाहिए।
पांडा ने 22वीं सालाना बीमा कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मैं आप सभी (कंपनियों) से कहूंगा कि अपने बोर्ड से संपर्क कर पूंजी को बढ़ाने पर विचार करें। हमें अनुमान है कि आने वाले समय में वृद्धि पहले से कहीं तेज होगी। लिहाजा इस क्षेत्र में और पूंजी की जरूरत होगी। ’’
उन्होंने कहा कि विदेशी साझेदारों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करने वाली इंश्योरेंस कंपनियों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का लाभ उठाना चाहिए। इससे वे अपने साझेदारों से अधिक पूंजी प्राप्त कर सकेंगे और इसे उन्हें तेज गति से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
पांडा ने कहा, ‘‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मार्ग से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए निवेश को परिदृश्य को फिर से बेहतर बनाया गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी गई है। लिहाजा जिन कंपनियों के विदेशी साझेदार हैं, वे इस अवसर का लाभ अधिक निवेश प्राप्त करने के लिए करें। इससे वे हालिया गति से तेज गति से बढ़ सकेंगे।’’
इससे पहले पांडा ने कहा था कि देश में हालिया स्तर से अपनी पहुंच दोगुनी करने के लिए बीमा क्षेत्र को हर साल 50,000 करोड़ अतिरिक्त पूंजी की जरूरत है। वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में बीमा क्षेत्र का प्रसार 4.2 फीसदी था जो बीते साल 2020-21 के समान ही था।