बाजार में आई हालिया गिरावट के दौरान 100 अग्रणी शेयरों में से करीब 60 फीसदी में बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स के मुकाबले ज्यादा फिसलन दर्ज हुई।
17 अक्टूबर से निफ्टी 764 अंक यानी 3.9 फीसदी टूटा है, जिसकी वजह अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के कारण जोखिम से दूर जाने वाला सेंटिमेंट है।
इस अवधि में 100 अग्रणी शेयरों में 10 से भी कम हरे निशान में बने रहने में कामयाब रहे, वहीं 40 फीसदी में 5-5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।
ध्यान देने वाली बात यह है कि जिन शेयरों ने इस गिरावट में खुद को बचा पाने में कामयाब रही उनमें अदाणी पावर, बजाज ऑटो और नेस्ले इंडिया शामिल हैं। वहीं आईडीबीआई बैंक, गेल (इंडिया), मैक्रोटक डेवलपर्स (लोढ़ा) और हैवेल्स इंडिया उन शेयरों में शामिल रही जिनमें सबसे ज्यादा गिरावट आई और हर शेयर करीब 10-10 फीसदी टूटा।
वैश्विक अवरोध के अतिरिक्त वैयक्तिक कंपनियों के नतीजों ने शेयर कीमतों पर भारी असर डाला। दिलचस्प रूप से 100 अग्रणी शेयरों में करीब 75 फीसदी अपने-अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहे हैं, जो बाजार के सेंटिमेंट का अहम तकनीकी संकेतक है।
हालांकि यह आंकड़ा दो हफ्ते पहले के 90 फीसदी के मुकाबले नीचे आया है, लेकिन मौजूदा आंकड़े अनिवार्य रूप से बाजार में तीव्र मंदी के रुख का आभास नहीं देते।
एक विश्लेषक ने कहा, अगर बाजार में गिरावट जारी रहती है तो आधे से भी ज्यादा शेयर संभावित तौर पर अपने-अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे आ सकते हैं। यह मंदी का संकेत दे सकता है। अभी हम हालिया गिरावट को अल्पावधि की मार मान सकते हैं।